गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में संदिग्ध गतिविधि वाले ट्रेनिंग सेंटर पर बुधवार को जिला प्रशासन की छापेमारी (Gopalganj News) चल रही है. खुफिया विभाग की इनपुट मिलने के बाद गोपालगंज शहर के तीन ठिकानों पर छापेमारी चल रही है. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग किशनगंज, पूर्णिया, अररिया के अलावा पश्चिम बंगाल से जुड़े बॉर्डर इलाके के रहने वाले हैं. गोपालगंज में पिछले आठ महीनों से युवाओं को ट्रेनिंग देते थे. आयुर्वेद दवा बेचने के नाम पर कोड वर्ड में युवाओं को ट्रेनिंग देने की सूचना प्रशासन को मिली थी, जिसके बाद नगर थाना क्षेत्र के जादोपुर रोड और लखपतिया मोड के पास एक किराए के मकान में प्रशासन की छापेमारी चल रही है. वहीं, छापेमारी के दौरान 36 युवाओं को पूछताछ के लिए थाने लाया गया है.
सुरक्षा एजेंसी अलर्ट
वहीं, इनके मोबाइल, लैपटॉप समेत कई कागजात को प्रशासन ने जब्त कर लिया है. प्रशासन का कहना है कि जांच के बाद ही मामले में किसी तरह की जानकारी दी जाएगी. वहीं, जिला प्रशासन की छापेमारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने जिला प्रशासन से कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी ली है. वहीं, इस कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. सूत्रों की मानें तो खुफिया विभाग को इनपुट मिला था कि बांग्लादेश के कुछ रिफ्यूजी वेस्ट बंगाल और पश्चिम बंगाल के नाम पर गलत तरीके से पहचान पत्र बनवाकर गोपालगंज के विभिन्न इलाकों में किराए के मकान में रह रहे हैं. यहां पर आयुर्वेद दवा बेचने के नाम पर ट्रेनिंग ले रहे हैं.
खुफिया विभाग को मिली थी सूचना
खुफिया विभाग को इनपुट मिलने के बाद जिला प्रशासन ने नगर थाना क्षेत्र के जादोपुर रोड में एक चौकीदार बीरेंद्र यादव के मकान में छापेमारी की. सदर एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार के नेतृत्व में इस दो मंजिला मकान में हुई छापेमारी के दौरान 36 लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर थाना चली गई. इनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल लैपटॉप और कई कागजात जब्त किए गए हैं. इसमें कोड वर्ड का इस्तेमाल कर ट्रेनिंग देने का काम चल रहा था. छापेमारी के बाद यहां पुलिस वालों की तैनाती कर दी गई.
मोबाइल, लैपटॉप सहित कई सामान जब्त
वहीं, इसके बाद प्रशासन की टीम लखपतिया मोड के पास पहुंची. यहां तीन मंजिला मकान में छापेमारी चली. छापेमारी के दौरान यहां से भी कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थाना लाया गया और मोबाइल, लैपटॉप को जब्त किया गया. इनमें से कुछ लोगों को पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया है, लेकिन किशनगंज, पूर्णिया और अररिया के रहने वाले 9 लोगों को पुलिस अभी भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. ट्रेनिंग केंद्र में रहने वाले वेस्ट बंगाल के युवकों का कहना है कि उन्हें आयुर्वेद दवा बेचने के लिए यहां लाया गया था. इसके बारे में ट्रेनिंग दी जाती थी कि दवा को कैसे बेचना है और कैसे लोगों को खाने के लिए सलाह देनी है. आयुर्वेद दवा बिक्री के अलावा किसी दूसरे गतिविधि में शामिल नहीं होने की बात मकान में रहने वाले पश्चिम बंगाल के युवकों ने कही है.
प्रशासन की टीम मामले की जांच कर रही है- एसपी
गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि अब तक की जांच में पीएफआई से जुड़ा हुआ कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. मेडिसिन सेल करने वाले नेटवर्क से जुड़े हुए सभी लोग हैं. पुलिस और प्रशासन की टीम इसकी जांच कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ हम पार्टी के जिलाध्यक्ष और स्थानीय निवासी पंकज सिंह राणा का कहना है कि पिछले दो साल से संदिग्ध गतिविधि वाला ट्रेनिंग सेंटर चल रहा था. उनकी भाषा भी अलग है. सभी मुस्लिम लोग ही क्यों ट्रेनिंग ले रहें हैं? प्रशासन से इसकी गंभीरता से जांच कराने की मांग की है.
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