बिहार विधान सभा में जब मंत्रालय का विस्तार हुआ नीतीश सरकार में 31 को मंत्री पद की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में शामिल सारे विधायकों के साथ गोपालपुर विधायक भी शामिल थे. उनको लगा की मुझे भी मंत्री बनाया जाएगा, पर निराश और मायूस गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल गुरुवार को पटना से लौट गए.
अपनी नाराजगी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को जाहिर किया. पहला शब्द उन्होंने कहा "मेरा तो चांस बनता है". नीतीश बाबू के साथ हम शुरू से हैं और हम चार बार विधायक रहे. उन्होंने आगे कहा कि पहले 2015 में तो हमको नीतीश ने यह कह कर टाल दिया की सीट कम है और फिर ब्रह्मदेव बाबू जो निर्दलीय उम्मीदवार कुदरा छाप से उनको मंत्री बना दिया.
विधायक नरेन्द्र कुमार ने आगे कहा- वह सोचते हैं कि हम इस जाति को बना देंगे तो वे जात हमारा हो जाएगा, हम उस जाति को बना देंगे तो वे जात हमारा होगा. परंतु हम लोग तो इनका सपोर्टर हैं. हम लोग इनको छोड़कर कहां जाएंगे. जहां तक सवाल भारतीय जनता पार्टी का है तो भारतीय जनता पार्टी हमको पचता नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल में हम जाएंगे नहीं रहना है इसी पार्टी में मंत्री बनाया ना बनाएं.
उसके बाद नरेन्द्र कुमार ने अपनी उम्मीद जताते हुए कहा- अभी विचार मंत्रालय बाकी है हो सकता है मुझे मिल जाए और नहीं भी मिले मुझे दिक्कत नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष जी से मिलकर अनुरोध करेंगे कि मुझे किसान प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बना दिया जाए उसी में हम संतुष्ट रहेंगे.
फिर उन्होंने कहा कि जब समता पार्टी से जदयू बना उसी समय से हम जुड़े हुए उस समय अश्वनी चौबे मंत्री थे. नगर विकास और सुधा श्रीवास्तव जी भी मंत्री सुधा श्रीवास्तव जी का देहांत हो गया और चौबे जी बक्सर चले गए. लड़ने के लिए उस समय भी मेरा आधार बनता था. उन्होंने कहा कि शुरू के दौर में मुझे लगा कि मंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन उस समय हमारे ऊपर मर्डर केस था. शायद इसीलिए मुझे नहीं बनाया लेकिन अभी "मेरा चांस तो बनता है".