बिना कोरोना वैक्सीन लिए ही मिला सर्टिफिकेट, नाराज लड़के ने DM को किया कॉल, कहा- ' सर, मैंने नहीं लिया है टीका'
इस मामले में सुमित ने अस्पताल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल से संपर्क नहीं हो पाया. ऐसे में उसने जिलाधिकारी महेंद्र कुमार को कॉल कर सारी जानकारी दी.
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सुपौल: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में मेगा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की है. अगले छह महीने में सरकार ने छह करोड़ टीका देने का लक्ष्य रखा है. लेकिन स्वास्थ्यकर्मी सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए हैं. ताजा मामला बिहार के सुपौल जिले का है, जहां बिना वैक्सीन लिए ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिलने का मामला सामने आया है. मिली जानकारी अनुसार त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के कर्मियों की लापरवाही की वजह से बिना टीका दिए लड़के का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है. इससे पहले लड़की का भी फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया था.
इस वजह से नहीं ले पाया था टीका
लड़की के साथ हुए फर्जीवाड़े की जानकारी जब त्रिवेणीगंज बाज़ार के लालपट्टी वार्ड नम्बर-15 निवासी लड़के सुमित कुमार (19) को मिली तो उसने भी अपने मोबाइल में मैसेज चेक किया. इस दौरान उसे ये पता चला कि बगैर कोरोना का टीका लिए ही, उसका भी प्रमाण पत्र जारी हो गया है.
दरअसल, सुमित कुमार ने बीते 21 जून की सुबह में कोरोना टीकाकरण के लिए अपना स्लॉट बुक किया था. त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल द्वारा लालपट्टी मध्य विद्यालय में संचालित कोविड वैक्सिनेशन सेंटर पर दोपहर के समय उसे टीका लेने जाना था. लेकिन वह किसी काम से बाहर चला गया और उसी दिन शाम को लौट भी आया. शाम को जब उसने अपना मोबाइल चेक किया तो वैक्सीनेशन सक्सेसफुल का मैसेज देखा. कोविन ऐप पर चेक करने पर उसे प्रमाण पत्र भी मिल गया.
डीएम से की बातचीत
इस मामले में सुमित ने अस्पताल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल से संपर्क नहीं हो पाया. ऐसे में उसने जिलाधिकारी महेंद्र कुमार को कॉल कर सारी जानकारी दी. मामला संज्ञान में आने के बाद सुमित के मोबाइल पर लगातार स्वास्थ्य विभाग के वरिय अधिकारियों से लेकर अनुमंडलीय अस्पताल के कर्मियों का कॉल आ रहा है. सभी टीका देने के साथ ही मामले की जांच की बात कह रहे हैं. इधर, इस पूरे मामले में अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.
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