पटना: बिहार में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. महागठबंधन की सरकार बनने से पहले तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने 10 लाख नौकरी देने की बात कही थी. महागठबंधन में जाने के बाद सीएम नीतीश कुमाार (Nitish Kumar) ने 20 लाख नौकरी की बात कही थी. वहीं, इस मुद्दे पर शनिवार को उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में 10 लाख युवाओं को नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम करने के निर्देश देते हुए कहा कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो. इस पर अधिकारियों को ध्यान रखना होगा.


बीपीएससी की वर्षगांठ पर पहुंचे थे सीएम


नीतीश कुमार शनिवार को बिहार लोक सेवा आयोग की पांच वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बीपीएससी की स्थापना 1 अप्रैल, 1949 में हुई थी जिसका मुख्यालय रांची में था, लेकिन वर्ष 1951 में इसका मुख्यालय रांची से पटना स्थानांतरित किया गया.इस आयोग में एक अध्यक्ष के साथ पहले 10 सदस्य हुआ करते थे लेकिन बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद अध्यक्ष के साथ सदस्यों की संख्या छह कर दी गई.


मूल्यांकन पारदर्शी और बेहतर ढंग से हो- नीतीश कुमार


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग, बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग जैसे आयोगों के माध्यम से भी कई कार्य किये जा रहे हैं. पिछले 18 वर्षों से विभिन्न पदों पर 24 हजार 301 नियुक्ति की गई है और 45 हजार 892 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई चल नहीं है. परीक्षा कार्य का संचालन बेहतर और पारदर्शी ढंग से हो और कार्य पूरी ईमानदारी से की जाए, जिससे कोई गड़बड़ी न कर सके. उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी जो साक्षात्कार में शामिल होते हैं, उन अभ्यर्थियों का मूल्यांकन पारदर्शी और बेहतर ढंग से हो जिससे किसी को कोई शिकायत न हो.


कई मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद


मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग को जो भी आवश्यकता है, सरकार इसमें सहयोग करेगी. वहीं, इस कार्यक्रम को वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद सहित कई मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे.


ये भी पढ़ें: Bihar Violence: सासाराम और नालंदा की घटना पर CM नीतीश ने दी प्रतिक्रिया, बीजेपी के आरोप पर कहा- उन्हें भूलने की आदत है