पटना: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) ने मंगलवार (5 सितंबर) को शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनके अधिकार घटाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की. आर्लेकर ने शिक्षक दिवस के अवसर पर यहां एक समारोह में इस आशय की टिप्पणी की जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी मौजूद थे.


राज्यपाल ने आईएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम लिए बिना कहा, ‘‘शिक्षा विभाग के एक सचिव हमसे पूछते हैं कि आपकी ‘‘औकात’’ क्या है. मुझे आश्चर्य है कि किसके कहने पर उनमें ऐसा करने का दुस्साहस आया.’’ बता दें कि शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच का विवाद हाल के दिनों में काफी सुर्खियों में रहा था और मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात के बाद ही स्थिति संभली थी.


'शिक्षा विभाग टकराव का रुख अपनाएगा तो...'


आर्लेकर ने अपने भाषण में नीतीश के सौहार्दपूर्ण रवैये की सराहना करते हुए कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और मेरे बीच कोई तनाव नहीं है. हम दोनों एक साथ बैठकर बात कर सकते हैं और सभी समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं.’’ राज्यपाल ने पूछा, ‘‘मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले मुझसे एक कुलपति को सेवा विस्तार देने पर विचार करने का अनुरोध किया था. मेरा भी मानना है कि वह इसके हकदार हैं. लेकिन अगर शिक्षा विभाग टकराव का रुख अपनाएगा तो चीजें कैसे सुचारू रूप से चल सकती हैं.’’


यह टिप्पणी पिछले महीने एक कुलपति का वेतन रोकने के विभाग के आदेश पर राजभवन द्वारा कड़ी आपत्ति जताने की पृष्ठभूमि में आई है. इन कुलपति के विश्वविद्यालय परिसर का निरीक्षण किया गया था और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसे असंतोषजनक पाया था.


पटना विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में राज्यपाल ने कहा, ‘‘यह चिंता का कारण नहीं है. अलग-अलग राय हो सकती हैं, लेकिन हमें समन्वय के लिए प्रयास करना चाहिए और संघर्ष से बचना चाहिए.’’


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