Graduate Chai Wali: PM मोदी की ये बात सुनकर इंस्पायर हुईं प्रियंका, ABP को बताया- कैसे पूरी प्लानिंग के साथ की बिजनेस की शुरुआत
प्रियंका ने बताया कि प्रॉपर रिसर्च के बाद उन्होंने काम की शुरुआत की है. वे कॉलेज की छात्राओं के साथ उनका मन जानने के लिए बैठती थीं. ऐसा करने के बाद उन्हें लगा कि दुकान खोलने के लिए ये जगह सही है.
पटना: पटना की 'ग्रैजुएट चाय वाली' इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है. एमबीए चाय वाले से प्रेरित पटना के विमेंस कॉलेज के बाहर चाय का स्टॉल लगा रही प्रियंका गुप्ता के पास रोजाना सैकड़ों लोग चाय पीने पहुंच रहे हैं. या यूं कहें चाय के बहाने वो प्रियंका से मिलने और उसके जज्बे को सलाम करने पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को एबीपी न्यूज की टीम प्रियंका के टी-स्टाल के पास पहुंची और ये जानने का प्रयास किया बनारस यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने के बावजूद नौकरी के बदले वो इस पेशे में कैसे आ गईं.
मजबूरी के कारण नहीं बेच रही चाय
प्रियंका ने एबीपी को बताया कि वो किसी मजबूरी के कारण इस पेशे से नहीं जुड़ी हैं. वो एक संपन्न फैमली से आती हैं. उनके परिजन बिजनेस मैन हैं, इसलिए उन्होंने भी ऐसा करना का सोचा. उन्होंने बताया कि प्रॉपर रिसर्च के बाद उन्होंने इस काम की शुरुआत की है. वे महिला कॉलेज की छात्राओं के साथ उनका मन जानने के लिए बैठती थीं. ऐसा करने के बाद जब उन्हें लगा कि चाय की दुकान खोलने के लिए ये जगह सही है. तब उन्होंने ये कदम उठाया.
नौकरी क्यों नहीं की? इस सवाल का जवाब देते हुए प्रियंका ने बताया कि सभी नौकरी ही करेंगे तो व्यापार कौन करेगा? भारत में बाहर से लोग आकर व्यापार कर रहे हैं, तो वो युवा होकर ऐसा क्यों नहीं कर सकती हैं. वो अगर नौकरी करतीं तो केवल वो रोजगार कहलातीं. लेकिन उन्होंने जो काम शुरू किया है, उससे वो रोजगार जनरेट करेंगी. उनका मानना है कि सरकार चाहे कितनी नौकरियां उत्पन्न कर ले, युवाओं की डिमांड पूरी नहीं हो पाएगी. ऐसे में जरूरी है कि वो खुद ऐसे इनीशिएटिव लें कि वो खुद भी रोजगार करें और लोगों को भी रोजगार दें.
फ्यूचर प्लानिंग के संबंध कही ये बात
उन्हें कैसे आया ये आईडिया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर बनने को कहा था, यही बात उन्हें जंच गई और वो उसी राह पर निकल पड़ीं. फ्यूचर प्लानिंग के संबंध में प्रियंका ने कहा कि वो पूरे देश में अपने चेन को बढ़ाएंगी. साथ ही आने वाले दिनों में वो एक प्रोफेशनल चाय बनाने वाला रखेंगी. ताकि लोगों को बेहतर चाय मिल सके. वहीं, कई लोग अब भी फ्रेंचाइजी के लिए उनके संपर्क हैं, जिन्हें वो एक महीने बाद फ्रेंचाइजी देंगी.
वहीं, प्रियंका की दुकान पर उनके स्ट्रगल को देखने पहुंचे व्यवसायी दंपति ने कहा कि ये बिहार और केंद्र सरकार की विफलता है. एक पढ़ी लिखी लड़की जो एक बेहतर जॉब डिजर्व करती है, वो चाय बेच रही है. ये कहीं ना कहीं सही नहीं है. रोड पर उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. उसकी सुरक्षा के लिए यहां कौन है. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना चाहिए.
इधर, दुकान पर चाय पीने आए अन्य लोगों ने कहा कि चाय तो एक बहाना है, हम तो यहां प्रियंका की हौसला अफजाई के लिए आते हैं. लड़की होकर उन्होंने जो कदम उठाया है, वो बांकी लड़के और लड़कियों के लिए प्रेरणा है.
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