पटना: महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर माथापच्ची जारी है. सीट बंटवारे को लेकर सभी पार्टियां चाहतीं हैं कि जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाए लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हैं कि वो सीटों को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे. इसी बात से नाराज पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से किनारा कर लिया था. अब अन्य पार्टियां भी तेजस्वी के अड़ियल रवैये से परेशान होकर विचार करने को मजबूर हैं.
अब कन्फ्यूजन को दूर कर लेना चाहिए
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने बुधवार को कहा कि महागठबंधन में चीजें बहुत देर से हो रही हैं. अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हम महागठबंधन में रहना चाहते हैं, लेकिन अब कन्फ्यूजन को दूर कर लेना चाहिए. बिहार के विकास के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं.
राजनीति में रास्ते कभी बंद नहीं होते
उन्होंने कहा, " आरजेडी और कांग्रेस की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. राजनीति में रास्ते कभी बंद नहीं होते हैं. महागठबंधन में सबकी सहमति जरूरी है. कांग्रेस के नेता तेजस्वी यादव को नेता नहीं मानते हैं. ऐसे में बैठक कर नेता और एजेंडा पर फैसला लेना चाहिए. अगर हमारी बात नहीं मानी जाती, तो फैसला लेने के लिए स्वतंत्र." एनडीए में जाने के सवाल पर माधव आनंद ने कहा कि राजनीति में सब कुछ संभव है.
क्या चुनाव से पहले बिखर जाएगी महागठबंधन?
बता दें कि अब किसी भी दिन चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों की आधिकारिक घोषणा कर सकता है. लेकिन महागठबंधन में अब तक सीटों को लेकर कुछ क्लियर नहीं हों पाया है. महागठबंधन घटक दल के नेता आपस में मिल जरूर रहे हैं, लेकिन उनके बीच कोई स्पष्ट बात नहीं हो पा रही है. ऐसे में यह समय ही बताएगा कि महागठबंधन एकजुट खड़ी रहती है या चुनाव से पहले ही बिखर जाती है.
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