Ground Report: गोपालगंज में बाढ़ से तबाही का मंजर, सड़कें और घर पानी से हुई लबालब, खोखले निकले प्रशासन के दावे
Flood In Gopalganj: वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जिले के कुचायकोट, सदर प्रखंड, मांझागढ़, बरौली, सिधवलिया बैकुंठपुर प्रखंड के इलाकों में गंडक नदी का पानी आने लगा है.
गोपालगंज: नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर बराज (Valmikinagar Barrage) से 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में डिस्चार्ज किया गया था. पानी लगातार डिस्चार्ज किया जा रहा. इसके कारण गोपालगंज में गंडक नदी (Gandak River) उफान पर है. खतरे के निशान से नदी ऊपर बह रही. नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. इधर, रामनगर में पानी घुसने से इलाका पूरी तरह से बाढ़ (Bihar Flood) की चपेट में आ गया. रविवार को एबीपी की टीम ने कई इलाके का जायजा लिया जहां बाढ़ से तबाही का भयंकर मंजर देखा गया.
बाढ़ की चपेट में आ सकते कई इलाके
बाढ़ के कारण चारों ओर तबाही दिखी. हालात देखकर प्रतीत हुआ कि प्रशासन की सारी बातें खोखली हैं. बाढ़ में फंसे लोग लगातार मदद की गुहार लगा रहे. अगर इसी तरह पानी डिस्चार्ज होता रहा तो शहर पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ जाएगा. गोपालगंज के कुचायकोट, सदर प्रखंड, मांझागढ़, बरौली, सिधवलिया बैकुंठपुर प्रखंड के इलाकों में गंडक नदी का पानी पहुंच रहा है. रामनगर में हालात बद से बदतर होते जा रहे. यहां पर बिहार सरकार, जल संसाधन विभाग और स्थानीय प्रशासन के तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा. राम नगर के लोगों को इस संकट की स्थिति में भगवान भरोसे छोड़ दिया गया.
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हर तरफ चौंकाने वाले दृश्य
एबीपी की टीम ने नाव पर सवार होकर रामनगर का जायजा लिया. इस दौरान हर तरफ चौंकाने वाले दृश्य नजर आए. बाढ़ के कारण ग्रामीण रोजमर्रा की सामान लेकर नाव से उंचे स्थानों पर जाने लगे हैं. लोग नाव से सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे. प्लस-टू स्कूल, मिडिल स्कूल बाढ़ की चपेट में है और पूरी तरह डूब चुका है. किसानों के खेत में पानी घुस गया है. पूरी फसल बर्बाद हो गई. किसान जिस जमीन पर खेती करते हैं उन इलाकों में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है.
किसानों की आपबीती, फसल हो गए बर्बाद
नाव से सुरक्षित जगहों पर पलायन कर रहे किसानों ने कहा कि हमारी फसलें बर्बाद हो गई. खेती की जमीन पर बाढ़ का पानी आ गया. हम लोग सुरक्षित जगहों पर पलायन कर रहे ताकि खुद को बचा सकें. सरकार प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा. हमें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. बाढ़ आया है, लेकिन प्रशासन के तरफ से यहां कोई नहीं पहुंचा. वहीं बाढ़ के कारण नाव से ऊंची स्थानों पर जा रहे स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग भूखे प्यासे हैं. हमें खाना-पानी नहीं दिया जा रहा. पूरा इलाका जलमग्न है, लेकिन हमलोगों की कोई मदद नहीं की जा रही. बाढ़ पीड़ितों ने प्रशासन से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की गुहार लगाई. उनका कहना है कि वह बहुत घबराए और डरे हुए हैं.
लोगों की जान पर आफत
एबीपी न्यूज ने नाव पर बैठकर राम नगर का दौरा किया. जायजा लेने के दौरान देखा गया कि यहीं ऊपर से 11 हजार वोल्ट की बिजली का तार गिरा हुआ है और लाइन भी चालू है. इस दौरान भी जान जोखिम में डाल कर एबीपी की टीम ने राम नगर का दौरा किया ताकि दर्शकों को यहां की स्थिति दिखाई जा सके. बता दें कि इस इलाके में गांव का संपर्क सड़क से टूट गया है. हर तरफ पानी ही पानी है. पानी की गहराई काफी ज्यादा है. पानी का लेवल लगातार बढ़ता जा रहा. बांस पाइलिंग, बल्ला पाइलिंग, जियो बैग कहीं नजर नहीं आया. बाढ़ के पानी को गांव में आने से रोका जाए इसको लेकर कोई तैयारी नजर नहीं आई.
डीएम की बातें सिर्फ कहने की धरातल पर हालात कुछ और दिखे
वहीं, गोपालगंज के डीएम डॉक्टर नवलकिशोर चौधरी ने कहा कि निचले इलाकों में अब पानी नहीं है. घबराने की कोई बात नहीं और हालात ठीक हैं. स्थानीय प्रशासन, जल संसाधन विभाग मुस्तैदी से काम में जुटा हुआ है. जहां स्थिति थोड़ी गड़बड़ है वहां हालात सामान्य जल्द हो जाएंगे. वहीं जब एबीपी न्यूज ने राम नगर का दौरा किया तो सारे दावे खोखले साबित होते दिखे. सवाल उठ रहा कि बाढ़ को रोकने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन पैसा किधर जा रहा? जमीन पर कोई भी काम सफल नहीं हो रहा. बाढ़ की चपेट में गांव के गांव आते जा रहे और लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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