Bihar Politics: नीतीश-चिराग की दोस्ती तेजस्वी के लिए खतरे की घंटी, मजबूत NDA का कैसे सामना करेगा महागठबंधन?
2025 Bihar Elections: बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि तेजस्वी यादव 2025 में इस मजबूत एनडीए का सामना कैसे कर पाएंगे. एलजेपीआर का दावा है कि आरजेडी 2010 से भी खराब स्थिति में चली जाएगी.
2025 Bihar Elections Challenge Of Tejashwi yadav: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) की इन दोनों बढ़ती दोस्ती के बीच तेजस्वी यादव के लिए बिहार में खतरे की घंटी कही जा रही जा रही है. दरअसल बिहार में कहावत है नीतीश कुमार जिधर सत्ता उधर. ऐसे में नीतीश कुमार 2015 विधानसभा चुनाव जब महागठबंधन के साथ लड़े और सरकार बनाई, तब कहा जाने लगा कि आरजेडी को नीतीश कुमार ने नया जीवन दे दिया है. अब 2025 का चुनाव आरजेडी के लिए किस हद तक मुश्किल होगा, इसका अंदाजा भी होने लगा है.
2010 के विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर सिमट जाने वाली आरजेडी नीतीश के नेतृत्व में 80 सीट जीतकर बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी, लेकिन सियासी उलट फेर के बाद 2020 में जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ चुनाव लड़े तो चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. चिराग के बागी रणनीति का फायदा आरजेडी को मिला और आरजेडी एक बार फिर पहले नंबर वन की पार्टी बनने में सफल रही.
तेजस्वी का मजबूत एनडीए से सामना
अब जब नीतीश कुमार के साथ 2005 और 2010 का पार्टी समीकरण साथ है तो चर्चा तेज है कि तेजस्वी यादव इस मजबूत एनडीए का सामना कैसे कर पाएंगे. एनडीए ने दावा किया है कि उनका लक्ष्य 225 सीट जीतना है. इसी बीच लोजपा रामविलास ने दावा कर दिया कि आरजेडी 2010 में जिस स्थिति में थी 2025 के चुनाव के बाद उससे भी नीचे चली जाएगी. नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच नई दोस्ती होने के बाद लोजपा रामविलास के नेता डॉक्टर विनीत सिंह ने कहा कि चिराग पासवान एनडीए में आए हैं, तो एनडीए और मजबूत हुआ है. 2010 में आरजेडी जो 22 सीटों पर सिमट गई थी, वह 2025 में एनडीए के प्रदर्शन के सामने धराशाई हो जाएगी.
कहा जा रहा है कि इस समीकरण को देखकर विपक्ष परेशान हो रहा है. लोजपा रामविलास के जरिए किए गए दावे पर बीजेपी ने भी आरजेडी को सुनाया है. बिहार सरकार के मंत्री जनक राम ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव सत्ता से काफी दूर हो चुके हैं. तेजस्वी के माता-पिता से उबकर ही जनता ने एनडीए को लाया है. जनता कह रही है '2025 फिर से नीतीश' 2005 और 2010 वाली लहर लालू यादव तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के लिए कहर बनकर आएगी.
अपने सहयोगी दलों के सुर में सुर जेडीयू ने भी मिलाया है. जेडीयू ने कहा कि 2010 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्ष का सुपड़ा साफ साफ हो गया था. हाल के दिनों में बिहार में जो चुनावी परिणाम आए हैं, उससे साफ है कि 2025 में 2010 जैसा ही परिणाम होगा. एनडीए के किए गए दावे पर आरजेडी ने भी पलटवार किया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए की सरकार के सभी समीकरणों को जनता ध्वस्त कर देगी. यहां नौकरी देने वाला समीकरण चलेगा. 20 सालों का हिसाब दो यह जनता कह रही है. झारखंड का परिणाम सबने देखा है बिहार का चुनाव परिणाम झारखंड के तरह ही होगा. हम 235 सीट जीतेंगे, एनडीए का सुपड़ा साफ होगा.
जहां आरजेडी 235 सीट जीतने की बात कह रही है, वहीं महागठबंधन की सहयोगी दल कांग्रेस ने चिराग पासवान और नीतीश कुमार से सवाल पूछा है. कांग्रेस नेता राजेश राठौड़ ने कहा किचिराग पासवान और नीतीश साथ हैं और आजकल नीतीश कुमार, चिराग पासवान के ऑफिस में भी जा रहे हैं. क्या चिराग पासवान को कुछ नया सिखाएंगे? आज उनका ऑफिस वापस कर दिए हैं, तो कल क्या उनके पार्टी का पुराना नाम वापस करवाएंगे. एनडीए का ये समीकरण सिर्फ दिखावा है, अंदर से एनडीए खोखला है.
2025 तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती
हालांकि कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार में किसी भी राजनीतिक दल का बिना गठबंधन के अकेले चुनाव जीतना संभव नहीं है. तेजस्वी यादव जहां 2015 में नीतीश के नेतृत्व में मजबूत होकर सत्ता में लौटे थे. वहीं 2020 के चुनावी परिणाम के बाद कहा जाने लगा कि चिराग पासवान के जरिए जदयू को जो डैमेज हुआ उसका लाभ आरजेडी को मिला है. ऐसे में दो दफे बिहार में बड़ा दल बनकर उभरा आरजेडी अब नीतीश कुमार के पुराने समीकरण को कैसे तोड़ेगी, यह बड़ी चुनौती तेजस्वी यादव के लिए है. तेजस्वी यादव की आगे की रणनीति क्या होगी यह देखना दिलचस्प होगा?
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