सहरसा: नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद अध्यात्म में प्रवेश करने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) ने प्रदेश के सहरसा जिले के पूरब बाजार में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में हिस्सा लिया. भागवत कथा के खत्म होने के एक दिन पूर्व गुप्तेश्वर पांडे महाराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आध्यात्म की ओर अपने रुझान को लेकर चर्चा की और मीडिया के सवालों का जवाब भी दिया.


वीआरएस के संबंध में कही ये बात


पूर्व डीजीपी ने कहा कि ठाकुरजी का बुलावा आया और मैं डीजीपी के पद से इस्तीफा देकर आध्यात्म की राह पर चल पड़ा. इसके अलावा कोसी के लोगों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सहरसा में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. वे श्रद्धा के साथ प्रवचन सुन रहे हैं. यहां के लोगों में संस्कार कूट-कूट कर भरा है. आगे उन्होंने कहा कि यहां के लोग बेहद बुद्धिमान होते हैं. साथ ही आतिथ्य कला में भी निपुण होते हैं.


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राजनीति में एंट्री में कही ये बात


फिर से राजनीति में आने के सवाल पर गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि इस जीवन में मैं राजनीति में नहीं आ सकता. राजनीति से मेरा दूर-दूर तक कोई रिश्ता-नाता नहीं है. बता दें कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी नौकरी से स्वैच्छिक अवकाश लिया था. कयास लगाए गए थे कि वे बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था. इसके बाद उन्होंने अध्यात्म का रुख कर लिया था.


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