पटना: शिक्षक भर्ती को लेकर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) के नए निर्देश के बाद पूरे राज्य के शिक्षक अभ्यर्थी खिलाफ में हैं. शिक्षक अभ्यर्थी नई डोमिसाइल नीति का विरोध कर रहे हैं. वहीं, सरकार की नई नीति से शिक्षाविद भी नाराज दिख रहे हैं. सरकार परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले पटना के प्रख्यात शिक्षक गुरु रहमान ने बिहार सरकार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार द्वारा निकाली गई शिक्षक बहाली (Bihar Teacher Recruitment) में बिहार के अभ्यर्थी शिक्षक तो नहीं बनेंगे लेकिन पागल जरूर हो जाएंगे. गुरु रहमान ने कहा कि जब से शिक्षक बहाली विज्ञापन निकली है, उसके बाद से अब तक आठ बार से ज्यादा नोटिफिकेशन निकल चुके हैं. कभी कोई चीज के लिए तो कभी कोई चीज के लिए सरकार के शिक्षा विभाग और बीपीएससी का नया नया आदेश आ रहा है. 


सरकार की तानाशाही रवैया है- गुरु रहमान


गुरु रहमान ने कहा कि अभ्यर्थी तैयारी क्या करेंगे? उन्हें तो यह डर सता रहा है कि कब क्या चीज की नोटिस निकल जाएगी. कोई नहीं जानता है. उनके दिमाग को बिहार सरकार के नोटिफिकेशन पर अटक चुकी है. सरकार जब विज्ञापन निकाली थी, उसी वक्त आवासीय को लेकर नोटिफिकेशन में देना चाहिए था. हम यह नहीं कहते हैं कि पूरे देश को आप फार्म भरने की अनुमति नहीं दीजिए, लेकिन यह काम पहले करना चाहिए था. आप अगर नहीं किए तो दूसरी बहाली में यह काम करना चाहिए था, लेकिन अब सब कुछ होने के बाद इस तरह का निर्देश निकालते हैं और सीधे कैबिनेट में पास भी कर देते हैं. यह तो सरकार की तानाशाही रवैया है. 


'शिक्षा क्षेत्र में अच्छे और पढ़े-लिखे शिक्षक होने चाहिए'


प्रख्यात शिक्षाविद ने कहा कि सभी लोगों ने शिक्षक बहाली में बीपीएससी द्वारा परीक्षा लिए जाने का विरोध कर रहे थे, लेकिन हमने सरकार के इस फैसले को का तारीफ की थी. हमने उस वक्त भी कहा था कि अच्छी बात है. शिक्षा क्षेत्र में अच्छे और पढ़े-लिखे शिक्षक होने चाहिए, लेकिन बीपीएससी से परीक्षा होगी तो क्वालिटी वाले शिक्षक तो आएंगे. क्या सरकार को अपने बीपीएससी पर भरोसा नहीं है, जो इस तरह का निर्णय लिया गया.


सरकार की नीति पर उठाए सवाल


गुरु रहमान मंत्री पर के बयान का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री कहते हैं कि विज्ञान, अंग्रेजी, गणित में अच्छे और गुणवान शिक्षक होने चाहिए इसलिए पूरे देश के लोगों को फार्म भरने की अनुमति दी गई है. शिक्षा विभाग को फिर बीपीएससी पर भरोसा नहीं है. बीपीएससी से परीक्षा जो पास करेगा वह कोई जाहिल तो नहीं होगा. बिहार में इतने टैलेंटेड लोग हैं. उन्होंने कहा जब बिहार चाणक्य और आर्यभट्ट को जन्म दे सकता है तो बिहार में क्या शिक्षक नहीं बन सकते हैं. यह पूरी तरह बिहार के अभ्यर्थियों के लिए अपमान करने वाली बात है और साथ ही उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.


'बिहार के युवा अब प्रदेश में भी वह जलील होंगे'


प्रख्यात शिक्षक ने कहा कि झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र ऐसे सात राज्य हैं, जहां सिर्फ राज्य के लोगों को परीक्षा देने की अनुमति नहीं है. बिहार में फिर ऐसी क्या बात हो गई कि मैं पूरे देश के लोगों को आमंत्रित करना पड़ गया. बिहार के युवा बाहर में तो जलील होते ही हैं अब बिहार में भी वह जलील होंगे. सरकार को एक बार फिर इस निर्णय पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक बार फिर आग्रह करूंगा कि बिहार के युवाओं के भविष्य के बारे में एक बार फिर सोचें. आप बीपीएससी से परीक्षा लेकर शिक्षक बना रहे हैं. आपको इसलिए अब बीपीएससी पर भी भरोसा करना चाहिए.


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