पटना: ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वे को हरी झंडी मिल गई है. गुरुवार (3 अगस्त) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की ओर से मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए परिसर के एएसआई सर्वे (ASI Survey) को हरी झंडी दे दी गई है. मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इस पर प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बड़ा बयान दिया है.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला जो आया है उस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा. अगर हाईकोर्ट ने यह कहा है कि एएसआई सर्वे जारी रहेगा तो हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं. इंतजार कीजिए कि क्या रिपोर्ट आती है. सभी लोगों को इंतजार करना होगा.


एबीपी न्यूज़ के एक सवाल पर कि मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि 350-400 साल पहले कुछ भी नहीं था. 400 सालों से अगर नमाज हो रही है तो हम देश को पीछे क्यों ले जाना चाह रहे हैं. इस पर सुशील मोदी ने कहा कि अभी कोई नमाज रोकने की बात तो नहीं है. एएसआई इस बात की जांच करेगा कि हिंदू मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी या क्या स्थिति है. इसलिए अभी फैसले का इंतजार करना चाहिए.


सर्वे से ढांचे के नुकसान होने की कही गई थी बात


गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया. दरअसल, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे के नुकसान होने की बात कही थी. इसके बाद एएसआई की ओर से एक एफिडेविट दाखिल कर कहा गया था कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा. एएसआई ने कहा कि अगर खुदाई करने की जरूरत हुई तो उसके लिए पहले कोर्ट से इजाजत ली जाएगी. 


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