बिहार में अफसरशाही से परेशान एक मंत्री के इस्तीफे के एलान पर जीतन मांझी ने कही ये बात
मदन सहनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सालों से वे परेशानी और यातना झेल रहे हैं. वो मंत्री, मंत्री पद की सुविधा भोगने के लिए नहीं बने हैं, जनता की सेवा करने के लिए बने हैं.
![बिहार में अफसरशाही से परेशान एक मंत्री के इस्तीफे के एलान पर जीतन मांझी ने कही ये बात HAM chief Jitan Ram Manjhi reacts on resignation announcement of Bihar Minister Madan Sahni बिहार में अफसरशाही से परेशान एक मंत्री के इस्तीफे के एलान पर जीतन मांझी ने कही ये बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/07/01/84fe2d8cc2b8ba3a3fe581beb2f3424d_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बिहार में अफसरों के तानाशाही रवैये का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. उनकी तरफ से गुरूवार को किए गए इस ऐलान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई इतनी अफसरशाही है कि अफसर मंत्री तक की नहीं सुनते हैं.
इधर मदन साहनी के इस्तीफे के ऐलान की खबर के बाद हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की और कहा कि वे तो पहले ही इस मुद्दे को उठा चुके हैं.
मांझी ने कहा- मुझे बिहार के मंत्री मदन साहनी के इस्तीफे के बारे में नहीं मालूम लेकिन यह सच है कि कई प्रशासनिक अधिकारी नेताओं की बातों को तरजीह नहीं देते हैं. उन्होंने आगे कहा- मैं तो इस मुद्दे को पहले ही संयुक्त विधायकों की बैठक में उठा चुका हूं.
I'm not aware of this (Bihar Minister Madan Sahni's resignation) but it's true that many administrative officers don't give preference (to leaders' words). I had earlier raised the issue in a joint meeting of MLAs: Hindustani Awam Morcha (HAM) president Jitan Ram Manjhi.#Bihar pic.twitter.com/1X0RtL4XyC
— ANI (@ANI) July 1, 2021
इससे पहले मदन सहनी ने कहा, "सालों से वे परेशानी और यातना झेल रहे हैं. वो मंत्री, मंत्री पद की सुविधा भोगने के लिए नहीं बने हैं, जनता की सेवा करने के लिए बने हैं. ऐसे में जब वे जनता का काम ही नहीं कर पाएंगे, तो मंत्री रहकर क्या करेंगे." उनका कहना है कि अधिकारी क्या विभाग के चपरासी भी उनकी बात नहीं सुनते हैं. ऐसे में वे पार्टी में बने रहेंगे और मुख्यमंत्री के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे. लेकिन वह मंत्री पद से त्याग देंगे.
मदन सहनी ने एबीपी न्यूज से कहा कि ये कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं है. लंबे समय से अधिकारियों के तानाशाह रवैये से परेशान होकर ये फैसला लिया गया है. कहीं मेरी बात नहीं सुनी जाती है. पत्र का जवाब नहीं मिलता. मैं इसके लिए किसी को जिम्मेवार नहीं मानता. यहां अफसर निरंकुश हो गए हैं. केवल मंत्री ही नहीं, वो किसी जनप्रतिनिधि की बात नहीं सुनते हैं.
ये भी पढ़ें: नीतीश कुमार के मंत्री मदन साहनी ने इस्तीफे का एलान किया, कहा- चपरासी तक हमारी बात नहीं सुनते
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)