पटनाः बिहार में एक तरफ जहां कोरोना ठंडा पड़ रहा तो दूसरी ओर सियासत तेज होने लगी है. बीते कुछ दिनों से राजनीतिक दल के कुछ नेताओं के बयान और ट्वीट को देखकर ऐसा कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सबकुछ ठीक नहीं है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सुर बदले-बदले से दिख रहे हैं.
एनडीए में समन्वय समिति बनाने की जरूरत
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और ‘हम’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के कई बयान एनडीए के घटक दल के खिलाफ रहे हैं. इधर, बुधवार को ‘हम’ के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने एक बयान दिया और कहा कि बीजेपी के कुछ नेता अपनी बयानबाजी से सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. वे सरकार के खिलाफ बयानबाजी करके विपक्ष को बोलने का मौका दे रहे हैं. ऐसे में हालात और खराब न हों, इसके लिए एनडीए में समन्वय समिति बनाने की जरूरत है.
‘भ्रम पैदा करने वाले लोग हो जाएंगे बेनकाब’
बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने इशारों-इशारों में ‘हम’ पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार बहुत ही बेहतर समन्वय के साथ चल रही है. भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है. दूसरी बड़ी पार्टी जेडीयू है और उसी के नेतृत्व में सरकार चल रही है. जो लोग समन्वय की बात कर रहे हैं वो कहीं ना कहीं भ्रम पैदा करना चाहते हैं. बेहतर समन्वय के साथ जब सरकार चल रही है तो इस प्रकार का भ्रम पैदा करने वाले लोग बेनकाब हो जाएंगे.
जीतन राम मांझी ने किया था यह ट्वीट
बता दें कि बीते मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था “पूर्णिया की घटना के बाद वहां के मुस्लिम समाज के लोगों ने दलित समाज के भाईयों के पक्ष में खड़े रहकर बता दिया कि सूबे के दलित-मुस्लिम एकजुट है. दलित-मुस्लिम एकता से जिन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है वही बिहार सरकार के उपर उंगली उठा रहे हैं. बिहार में कानून अपना काम कर रहा है.”
मांझी के इस ट्वीट पर जवाब में भाजपा ने मांझी को अनुकंपा वाला बताया था. गौरतलब हो कि पूर्णिया, चंपारण, गोपालगंज और जमुई में मुसलमानों की ओर से दलितों पर हो रहे कथित अत्याचार को लेकर भाजपा के कुछ नेता आरोप लगा रहे हैं. सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री जनक राम ने कहा था कि गोपालगंज और जमुई में महादलितों का मत परिवर्तन कराया जा रहा है.
इससे पहले भाजपा नेताओं ने पूर्णिया के एक गांव में अल्पसंख्यकों पर दलितों की बस्ती में आग लगाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय प्रशासन की आलोचना की थी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने चंपारण की एक घटना का जिक्र अपने फेसबुक पोस्ट में किया था.
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष का बिना नाम लिए मांझी पर हमला
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने मांझी के ट्वीट के जवाब में बिना उनका नाम लिए ट्वीट कर लिखा “अनुकंपा पर राजनीति करने वाले दलित नेताओं का सच. बंगाल, वायसी और चंपारण हिंसा पर चुप. कोई आइना दिखा दे तो दलित-मुस्लिम एकता के नाम पर हाय-हाय करने लगते हैं.”
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