Jitan Ram Manjhi Controversy: हिंदू संगठन के 'पैंतरे' पर भड़का HAM, कहा- मांझी आवास पूरी तरह शुद्ध, जीतन ब्राह्मणों के हितैषी
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि जीतन राम मांझी सभी धर्म और जाति की लोगों का सम्मान करते हैं. जब गरीब सवर्ण को आरक्षण दिलाने की मांग उठ रही थी, तब उन्होंने दिल्ली में इस मांग को उठाने काम किया.
पटना: पंडितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) विवादों में घिरे हुए हैं. उन्हें विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कई हिंदू संगठनों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी क्रम में हिंदू संगठन पुत्र द्वारा चेतावनी दी गई थी कि वे गुरुवार को जीतन राम मांझी के आवास का शुद्धिकरण करेंगे. वे वहां सत्यनारायण भगवान की कथा कहेंगे और उनके साथ भोजन भी करेंगे. इधर, इस एलान के बाद उनके आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई. वहीं, आवास की ओर बढ़ रहे हिंदू संगठन के सदस्यों को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया.
सड़क पर बैठ कर की कथा
हालांकि, पुलिस द्वारा जबरन बैठा दिए जाने पर उन्होंने सड़क पर ही सत्यनारायण भगवान की कथा कहनी शुरू कर दी और 11 मंत्र का उच्चारण कर सत्यनारायण भगवान की कथा कही. इधर, इस संबंध में हम (HAM) के प्रवक्ता अमरेंद्र त्रिपाठी (Amrendra Tripathi) ने कहा कि मांझी आवास पहले से ही शुद्ध है. ऐसे में जो लोग इस विचार के साथ आए हैं, वो पहले अपनी बुद्धि को शुद्ध करें. मैं भी एक ब्राह्मण हूं. अगर मांझी ब्राह्मणों का सम्मान नहीं करते तो, मैं भी यहां नहीं रहता.
उन्होंने कहा कि मांझी सभी धर्म और जाति की लोगों का सम्मान करते हैं. जब गरीब सवर्ण को आरक्षण दिलाने की मांग उठ रही थी, तब उन्होंने दिल्ली में इस मांग को उठाने काम किया. जब इस संबंध में फैसला आया तो उन्होंने फैसला का स्वागत किया. मांझी के भाषणों को सुनें, वे हमेशा गरीब के लिए आरक्षण की बात करते हैं. ऐसे में जब वो कह रहे हैं कि उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. अपने लोगों के बीच अपनी बातों को रखा है. तो इस तरह की गतिविधि का सामने आना दुखद हैं.
अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा करने से किसी गरीब ब्राह्मण का भला नहीं होने वाला है. इस तरह की नौटंकी कर वे अपने संगठन को चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होगा. वे ऐसी ओछी हरकत नहीं करें. वहीं, मांझी के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें. वे एक सम्मानित पद पर रह चुके हैं.
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