पटना: केंद्रीय बजट के पहले शनिवार को एनडीए ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में सभी दलों के शीर्ष नेता को आमंत्रित किया गया था. इसी की तहत एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान को भी बैठक में शामिल होने को कहा गया था. लेकिन खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए चिराग बैठक में शामिल नहीं हुए. चिराग भले ही बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन उनको बैठक में आमंत्रित करने पर विवाद शुरू हो गया है.
हम प्रवक्ता ने कही ये बात
एनडीए घटक दल हम ने एलजेपी नेता चिराग पासवान को एनडीए की बैठक में बुलाए जाने की निंदा की है. पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि पीठ में छुरा भोंकने वाले को बैठक में बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे गलत संदेश जाएगा. हमसब इस फैसले से आहत हैं. हम एनडीए के साथ रहेगें या नहीं इसका फैसला हमारे नेता जीतन राम मांझी जी करेंगे.
एलजेपी ने किया पलटवार
इधर, एलजेपी ने हम के बयान का पलटवार किया है. एलजेपी नेता अशरफ अंसारी ने मांझी को जवाब देते हुए कहा कि एलजेपी शेरों की पार्टी है, यहां कोई पीछे से वार नहीं करता. हमने लिख कर, बता कर, पीसी कर पूरे जमाने के सामने कहा था कि एलजेपी नीतीश जी के नीतियों के खिलाफ है और उनकी गलत नीतियों की जांच होगी.
सत्ता के कारण एनडीए से जुड़े मांझी
उन्होंने कहा कि हम नीतीश जी के गलत नीतियों के ख़िलाफ थे और जब तक प्रदेश में सच में विकास नहीं होता, जब तक नीतीश जी की नीतियों में परिवर्तन नहीं आता तब तक उनके सामने बिहार की बात एलजेपी करेगी. मांझी जी सत्ता के कारण एनडीए से जुड़े हैं, विचारों से नहीं. किसी भी कीमत पर आप लोग सत्ता से बाहर नहीं जा सकते.
सत्ता को लात मारने का कलेजा सिर्फ चिराग के पास
अशरफ अंसारी ने कहा कि सत्ता को लात मार कर आम बिहार की आवाज बनने का कलेजा सिर्फ चिराग पासवान में है. जीतन राम माँझी जी आप कृपया कर शांति से सत्ता में रहे. जनता सब जानती है. एनडीए से बाहर जाने की बात दोबारा अपने प्रवक्ताओं से मत कहवाइएगा.