(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हेडमास्टर ने अपने पैसों से स्कूल में उतार दिया हवाई जहाज! अब ज्ञान की उड़ान भरेंगे बच्चे, जानें पूरा मामला
एचएम मेधन सहनी ने बताया कि मुझे कुछ स्कूलों के आर्किटेक्ट को देखकर यह प्रेरणा मिली थी. लेकिन सरकारी तौर पर कोष की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में हमने ठान लिया कि इसे अपने नीजि कोष से मूर्तरूप देंगे.
समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिला के मोहिउद्दीननगर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सिवैसिंहपुर इन दिनों आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. यहां एचएम मेधन सहनी ने अपने नीजि कोष से छात्रों के लिए हवाई जहाजनुमा पुस्तकालय का निर्माण कराया है, जिसमें 25 छात्र एक साथ बैठक कर पढ़ाई कर सकते हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय परिसर में छात्रों के लिए शिक्षा उड़ान नाम से लाइब्रेरी तैयार किया गया है, जिसे पूरी तरह से हवाई जहाज का रूप दिया गया है.
हवाई जहाज की तरह किया गया है तैयार
लाइब्रेरी का बाहरी व भीतरी स्वरूप भी हवाई जहाज की तरह ही बनाया गया है. इसके अंदर बैठकर छात्र किसी भी पुस्तक का अध्ययन कर सकेंगे. यह अपनी तरह का जिला का पहला नवाचार है. इसमें हवाई जहाज की तरह सीटें लगाने की व्यवस्था की जा रही हैं. इसमें प्रत्येक कक्षा के छात्र बारी-बारी से पढ़ने आएंगे. इसके भीतर बैठकर हवाई जहाज में बैठने जैसा महसूस किया जा सकता है.
यह आकृति विद्यालय के छोटे से छत पर बनाया गया है, इसमें हवाई जहाज के पहिए दिखाए गए हैं. इस विमान में चढ़ने के लिए सीढ़ियों के साथ-साथ दरवाजे भी लगाए गए हैं. अत्याधुनिक लाइटिंग से सुसज्जित विमान की लाइट देखने लायक है. इसे अंदर व बाहर से पूरी तरह हवाई जहाज की तरह कलर व डिजाइन किया गया है, जिस पर ‘शिक्षा उड़ान’ लिखा गया है. इस पर चढ़ते हुए हवाई जहाज पर चढ़ने का अहसास होता है.
सोमवार को स्थानीय विधायक राजेश कुमार सिंह ने हवाई जहाजनुमा बने शिक्षा उड़ान पुस्तकालय का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इस सरकारी विद्यालय की कलाकृति से दूसरे विद्यालयों को भी सीख लेने की जरूरत है. इससे छात्र विद्यालय में आने के लिए प्रेरित होते हैं.
एचएम ने कही ये बात
इस संबंध में एचएम मेधन सहनी ने बताया कि मुझे कुछ स्कूलों के आर्किटेक्ट को देखकर यह प्रेरणा मिली थी. लेकिन सरकारी तौर पर कोष की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में हमने ठान लिया कि इसे अपने नीजि कोष से मूर्तरूप देंगे. आज यह बनकर तैयार है, तो मुझे काफी खुशी हो रही है. उन्होने बताया कि इसके बनाने में 2 लाख से अधिक रुपए लग गए हैं. अभी कुछ काम और बाकी है. छात्रों को स्कूल की ओर आकर्षित करने के लिए हमने यह कदम उठाया था. स्कूल का यह बदला स्वरूप बच्चों को खूब भा रहा है. इसे बनाने में हमने दिन रात एक कर दिया, जिसका यह सकारात्मक परिणाम सामने आया है.
यह भी पढ़ें -
तेलंगाना के CM से मुलाकात के बाद टारगेट पर आए तेजस्वी, कुशवाहा ने कसा तंज, पढ़ें क्या कुछ कहा
कोरोना संकट में शादी टलने के डर से घर से भागे युवक-युवती, फिर इस तरह लिए सात फेरे