पटना: बिहार में जूनियर डॉक्टर का अनिश्चितकाल हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहा. जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी, इमरजेंसी और वार्ड ड्यूटी का पूरी तरह से बहिष्कार किया. बिहार में कुल नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं, जहां के जूनियर डॉक्टर बुधवार की सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से मरीजों पर असर पड़ रहा है.
इधर, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बीच बिहार सरकार ने उनसे हड़ताल से वापस लौटने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल से वापस लौटने की अपील करते हुए कहा है कि मानव धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. आम जनता की हित में वे काम पर वापस लौटें. सरकार उनकी मांगों पर विचार कर जल्द ही कोई फैसला लेगी.
बता दें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अपील के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने देर शाम पीएमसीएच अस्पताल पहुंच कर निरीक्षण किया. हालांकि जूनियर डॉक्टरों को यह भरोसा था कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत यहां आएंगे तो बातचीत के जरिए हड़ताल तोड़वाने की पहल करेंगे. लेकिन प्रत्यय अमृत की जूनियर डॉक्टरों से कोई वार्ता नहीं हो पाई. उन्होंने केवल अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया और वापस लौट गए.
बता दें कि प्रधान सचिव ने पीएमसीएच के ब्लड बैंक का निरीक्षण किया. उन्होंने एड्स जांच घर, कोविड आईसीयू का भी जायजा लिया. प्रत्यय अमृत ने पीएमसीएच में लगायी गयी मशीनों और उनकी मौजूदा स्थिति की जानकारी ली. अस्पताल के निरीक्षण के बाद प्रधान सचिव ने पीएमसीएच के कॉटेज में बैठकर डॉक्टरों के साथ बात की, कुल्हड़ की चाय पी और निकल गये.
यह भी पढ़ें -
बिहार: वार्ड पार्षद के पति की अपराधियों ने घर में घुसकर की हत्या, जांच में जुटी पुलिस
चार साल की बच्ची से रेप के आरोपी की ग्रामीणों ने पीट-पीटकर की हत्या, जांच में जुटी पुलिस