बिहारः मंगल पांडेय का RJD पर तंज, कहा- जहां पहले लालटेन जलते थे आज वहां डॉक्टर और नर्स काम कर रहे
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- 2005 के पहले अस्पतालों में दवा वितरण तक नहीं होता था.आज सरकारी अस्पतालों में 250 से अधिक दवाइयां दी जा रहीं वो भी बिल्कुल मुफ्त.
पटनाः बिहार में कोरोना वायरस के आने के बाद विपक्ष सरकार पर लगातार व्यवस्थाओं को लेकर हमलावर रहा है. कई जगहों से ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं जिससे सरकार की तैयारियों पर सवाल उठने लगे थे. कोरोना वायरस पर तैयारी को लेकर बीते एक साल से विपक्ष की ओर से लग रहे आरोपों पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से एबीपी न्यूज ने बात की.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि 2005 के पहले बिहार में कैसी स्वास्थ्य व्यवस्था थी. पटना के पीएमसीएच, आईजीआईएमएस या गांव में जो भी सदर अस्पताल हैं उन्हें आज देख लिया जाए, जो भी परिवर्तन हुआ है साफ दिखेगा. उन्होंने आरजेडी को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज जिस अस्पताल की बिल्डिंग भी दिख रही है और उसमें बिजली भी है. क्योंकि एक जमाने में लालटेन जलता था, लेकिन आज डॉक्टर और नर्स दिखाई देते हैं.
पहले सरकारी अस्पतालों में नहीं थी कोई व्यवस्था
मंगल पांडेय ने कहा कि 2005 से पहले अस्पतालों में दवा वितरण भी नहीं होता था. कोई व्यवस्था ही नहीं थी. आज सरकारी अस्पतालों में 250 से अधिक दवाइयां मुफ्त दी जाती हैं. पहले राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल में रुई और सूई भी मरीजों तक नहीं पहुंचती थी और आज पीएमसीएच में महंगी दवाइंया दी जा रहीं हैं.
लगातार होती रही है डॉक्टरों और नर्सों की नियुक्ति
एनडीए की उपलब्धियों को गिनाते हुए मंगल पांडेय ने कहा पिछले 15 साल में जो एनडीए ने काम किया है उसका आज रिजल्ट दिख रहा है. पिछले डेढ़ साल के अंदर ही 13 हजार नर्स की नियुक्ति की गई है. चार हजार डॉक्टरों की नियुक्ति केवल एक साल में की गई है. बीते साढ़े तीन साल में विभिन्न तरीके से आठ हजार डॉक्टरों की नियुक्ति राज्य में हुई. गांवों की चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले जिसे हम प्रखंड का अस्पताल कहते थे आज वहां 30 बेड का अस्पातल बना हुआ है. इलाज भी हो रहे हैं और दवाएं भी मिल रहीं. पहले गांव के लोग एक खंडहर भवन में इलाज के लिए जाते थे और आज आधुनिक भवन में जाकर इलाज करा रहे हैं.
फिर निकाली गई छह हजार पद के लिए डॉक्टरों की वैकेंसी
बातचीत के दौरान मंगल पांडेय ने सीएचसी की व्यवस्थाओं के बारे में कहा कि बिहार में 350 से भी अधिक सीएचसी के भवन बने हैं. उन्हें पता है कि इन अस्पतालों में और मानव बल की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि 2018 के कैबिनेट के निर्णय के बाद 13 हजार नर्सों की बहाली हुई हैं. इन्हीं स्वास्थ्य केंद्रों में उन्हें भेजा गया है. या जो डॉक्टरों की नियुक्ति हुई उन्हें भी भेजा गया है. अभी और डॉक्टरों और नर्सों की आवश्यकता को देखते हुए छह हजार डॉक्टरों की बहाली फिर की जा रही है. 24 मई तक लोग आवेदन दे सकते हैं. पहले भी बीटीएससी के माध्यम से विज्ञापन निकाला गया है.
यह भी पढ़ें-
बिहारः सिवान में BJP नेता ने किया लॉकडाउन का उल्लंघन, नर्तकी के साथ डांस का VIDEO VIRAL