Banka News: बिहार के बांका जिले में फूड पॉइजनिंग के कारण पांच बच्चों सहित छह लोग बीमार हो गए. फूड पॉइजनिंग के कारण बीमार होने का यह मामला बीते सोमवार (07 अक्टूबर) को चौखट गांव से सामने आया है. ये सभी लोग एक मेले से घर लौटे थे. सबने घर पहुंचने के बाद खाना नहीं खाया था. बताया जा रहा है कि ये लोग रविवार की रात में मेले में ही नाश्ता करके घर आए थे और सो गए थे. उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद सबको इलाज के लिए अमरपुर के रेफरल अस्पताल ले जाया गया. 


बीमार लोगों की पहचान लड्डू कुमार (12 साल), सपना कुमारी (5 साल), गोपाल कुमार (12 साल), रबीना कुमारी (6 साल), गंगिया कुमारी (13 साल) और उर्मिला देवी के रूप में हुई है. लड्डू कुमार के पिता राजेश मांझी ने इस घटना के बारे में जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि बीमार लोगों की हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया.


डॉक्टर ने कही फूड पॉइजनिंग की बात


अस्पताल में उनका इलाज करने वाले अपूर्व अमन सिंह ने पुष्टि की है कि सभी बच्चों में फूड पॉइजनिंग के लक्षण थे. यह भी कहा कि बच्चों ने मेले में बासी खाना खाया होगा, जिससे उन्हें फूड पॉइजनिंग हुई. प्राथमिक उपचार मिलने के बावजूद उनके लक्षणों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बेहतर उपचार देना जरूरी हो गया. उनकी हालत गंभीर थी.


12 दिनों में फूड पॉइजनिंग की दो और घटनाएं


बता दें कि बिहार में फूड पॉइजनिंग की यह एकमात्र घटना नहीं है. पिछले 12 दिनों में बिहार में फूड पॉइजनिंग की दो और घटनाएं हुई हैं. 28 सितंबर को बिहार के नवादा जिले के महुली गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र में दूषित भोजन खाने से 11 बच्चे बीमार हो गए थे. यह घटना केंद्र में मिड डे मील के दौरान हुई, जहां बच्चों के लिए खिचड़ी बनाई गई थी. वहीं 27 सितंबर को पश्चिम चंपारण के बेतिया में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में लगभग 70 छात्रों से जुड़ी एक और घटना हुई, जहां छात्रावास में परोसे गए भोजन में छिपकली पाई गई थी.


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