रोहतास: सूबे के सरकारी अस्पताल आए दिन अपने लापरवाह रवैये की वजह से सुर्खियों में रहते है. अभी कोरोना काल में भी अस्पताल की स्थिति जस की तस है, या यूं कह लें कि और बदतर हो गई है. मौजूदा समय में स्थिति इतनी खराब है कि स्वास्थ्यकर्मी मरीज को भर्ती लेना भी जरूरी नहीं समझ रहे. ताजा मामला करगहर पीएचसी का है, जहां स्वास्थ्यकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है.
दरअसल, जिले के सासाराम-चौसा पथ के करगहर बाजार में एक मारुति कार और बाइक में टक्कर हो गई थी, जिसमें 3 लोग घायल हो गए थे. गंभीर रूप से घायल शख्स को स्थानीय लोगों की मदद से ठेले पर करगहर पीएचसी पहुंचाया गया. लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीज को ठेले से उतारना भी मुनासिब नहीं समझा और ठेले पर ही प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया.
जब इस बारे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर अनिल कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि घायल की पैर टूट गई थी, इस कारण उसे लाने में दिक्कत हो रही थी. इसलिए ठेले पर ही इलाज किया गया. इधर, इस खबर को प्राथमिकता से एबीपी बिहार पर प्राथमिकता से चलाने के बाद जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने संज्ञान लिया और रोहतास जिले के सिविल सर्जन को फटकार लगाई. जिसके बाद सिविल सर्जन के आदेश पर युवक को सासाराम सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.