रोहतास: बिहार के रोहतास जिले से बिहार स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. तस्वीर जिले के अकबरपुर की है, जहां कुछ लोग परिवार नियोजन के ऑपेरशन के बाद महिला को खाट पर लेकर जाते दिख रहे हैं. ऐसा करने का जब उनसे कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रोहतास प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बभनतालाब गांव की महिला का बंध्याकरण का ऑपरेशन कराया गया था.


खाट पर लाद कर तय की सात किलोमीटर की दूरी


परिजनों की मानें तो उनका गांव पहाड़ी इलाके में होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया. ऐसे में वो महिला को चारपाई पर लादकर लगभग सात किलोमीटर की दूरी तय कर करने निकल पड़े. इधर, जब इस संबंध में सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मरीज का घर पहाड़ पर स्थित है और वहां एंबुलेंस जाने के रास्ता नहीं है. इस वजह से उन्हें एम्बुलेंस मुहैया नहीं कराया गया.


सिविल सर्जन ने कही ये बात


उन्होंने कहा कि ऐसे गांव के मरीजों को अमूमन ऐसे ही खाट या फिर अन्य तरीके से उठाकर ले जाया जाता है. हालांकि, सिविल सर्जन का कहना है कि वस्तुस्थिति से अवगत होने के बावजूद इस संबंध में उन्होंने रोहतास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी से जानकारी मांगी है.


गौरतलब है कि बिहार के रोहतास और कैमूर जिले के कई गांव पहाड़ों पर बसे हैं. पहाड़ों पर बसे होने की वजह से वहां के लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अधिरभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए भी उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है. ऐसे में जरूरत है कि उनकी जिंदगी को सुगम बनाने को सरकार ठोंस कदम उठाए.


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