कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करने के लिए स्वास्थ्यकर्मी मांग रहे पैसे, नहीं देने पर हो जा रहे फरार
एयरफोर्स से रिटायर कर्मी अमित कुमार सिन्हा (42) की कोरोना से मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि शव का अंतिम संस्कार के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से पैसे की मांग की जाती है.
कटिहारः कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन कटिहार सदर अस्पताल में बिना पैसों के कुछ नहीं हो सकता. अगर पैसा नहीं दिया तो स्वास्थ्यकर्मी अंतिम संस्कार करने में आनाकानी करने लगते हैं. बीते शनिवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा. यहां आधे रास्ते में ही कोरोना संक्रमित के शव को छोड़कर स्वास्थ्यकर्मी फरार हो गए और अंतिम संस्कार भी नहीं किया.
एंबुलेंस का चालक परिजनों का देता रहा साथ
दरअसल, बीते शनिवार को एयरफोर्स से रिटायर कर्मी अमित कुमार सिन्हा (42) की कोरोना से मौत हो गई थी. परिजनों ने आरोप लगाया कि शव का अंतिम संस्कार के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से पैसे की मांग की जाती है. जब नहीं दिया गया तो शव को एंबुलेंस में रखा गया लेकिन इसके चालक आधे रास्ते में ही शव को छोड़कर भाग निकले.
स्वास्थ्यकर्मियों पर लगाया पैसे मांगने का आरोप
इसके बाद परिजन स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा छोड़ी गई पीपीई किट को पहनकर खुद शव को घसीटते हुए दाह संस्कार करने के लिए ले गए. इस दौरान बिना पीपीई किट पहने एंबुलेंस कर्मी परिजनों का साथ देता रहा. एंबुलेंस का चालक और परिजन किसी तरह शव को गाड़ी से उतार कर ले गए. चालक अमर सिंह ने बताया कि सात सदस्यीय टीम बनाई गई है जो कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार करे, लेकिन रास्ते में ही स्वास्थ्यकर्मी शव को छोड़कर भाग जाते हैं. ऐसे में उसे ही शव का अंतिम संस्कार करना पड़ता है.
आगे एंबुलेंस चालक ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गोली मार देने जैसी उसे धमकी दी जाती है और अंतिम संस्कार करने के लिए कहा जाता है. इधर, स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगने के बाद इस मामले में जब सिविल सर्जन डीएन पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे कुछ भी नहीं कह सकते. जिलाधिकारी से बात करें.
यह भी पढ़ें-
सीवानः कोरोना जांच की रिपोर्ट मांग रहा था डॉक्टर, इलाज शुरू नहीं किया; गेट पर ही मरीज की तड़पकर मौत