गया: कोरोना काल में जिला प्रसाशन की ओर से फल्गु नदी के किनारे स्थित श्मशान घाट पर अन्य शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. वहीं कोरोना संदिग्ध और कोरोना संक्रमित मरीजो के शव को जलाने के लिए दूसरा किनारा बनाया गया है, जहां स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से बॉक्स में पैक शव का बॉक्स सहित दाह संस्कार किए जाने का प्रावधान है. लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि उस पूरे क्षेत्र में ग्लब्स, पीपीई किट्स, शव का बॉक्स फेंका पड़ा है.


स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही बन सकती है आफत


मिली जानकारी अनुसार एम्बुलेंस कर्मी जब भी कोरोना संक्रमित या कोरोना संदिग्ध का शव लाते हैं, तो नदी के किनारे खुले में ही पीपीई किट और ग्लब्स को फेंक कर दूसरों के लिए कोरोना को आमंत्रित कर चले जाते हैं. पिछले 3 दिनों से शव का बॉक्स नदी के किनारे पड़ा है. स्थानीय लोगों ने बॉक्स सहित शव को जलाने की बात कही थी, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी. बॉक्स से शव को निकालकर शव का अंतिम संस्कार किया गया और फिर स्वास्थ्यकर्मी उस बॉक्स को वहीं छोड़कर चले गए.


स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से फेंके गए ग्लव्स और पीपीई किट तेज हवा से उड़ कर इधर-उधर जा रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. चुंकि पास में ही कफन की दुकान है ऐसे में खुले में पीपीई किट, ग्लब्स और शव के बॉक्स को फेंकने से लोग भयभीत है.


पहले भी प्रशासन से लगाई है गुहार


इस संबंध में स्थानीय वार्ड पार्षद प्रतिनिधि ने बताया कि श्मशान घाट पर कोरोना संक्रमित शवों को जलाने के लिए जिला प्रसाशन की ओर से कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. जो मेडिकलकर्मी आते हैं, वे बॉक्स को खुले में रख कर अपना ग्लब्स और पीपीई किट फेंक कर चले जाते हैं. शुरुआत में भी कोरोना संक्रमित शवो को यहां नहीं जलाने की मांग जिला प्रसाशन से की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.


शवदाह के लिए घाट किया गया चिन्हित


वहीं इस सम्बंध में जब जिलाधिकारी अभिषेक सिंह से पूछा गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कोरोना संदिग्ध और संक्रमित शवों के लिए निगम की ओर से एक विशिष्ट घाट को चिन्हित किया गया है, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि शवों के बॉक्स फेंके जाने का मामला संज्ञान में आया है. नगर निगम को इसकी व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया गया है. वहीं साफ-सफाई की भी व्यवस्था कराई जा रही है. पूरे सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को भेजा जा रहा है.