Hena Shahab News: दो बार MLA, 4 बार MP रहे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने नहीं जीता कोई चुनाव, जानिए वजह
Bihar Politics: हिना शहाब अपने पति शहाबुद्दीन के नाम पर राजनीति कर रही हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है. उनके चुनाव नहीं जीतने के पीछे कई बड़े फैक्टर हैं.
सीवानः पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन (Mohammad Shahabuddin) ने 80 के दशक से राजनीति में शुरुआत की थी. पहली बार सीवान के जीरादेई से जेल में बंद रहते हुए 1990 में वे निर्दलीय विधायक बने. इसी क्रम में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से मुलाकात हुई और जनता दल के टिकट पर 1995 में फिर वे दूसरी बार भी विधायक चुने गए. इस बीच कहीं उनकी पत्नी हिना शहाब (Hena Shahab) उस समय नहीं दिखीं.
वर्ष 1996 से लेकर लगातार 2009 तक यानी चार बार शहाबुद्दीन सांसद रहे, लेकिन अब उन्हीं की पत्नी को आरजेडी दरकिनार कर चल रहा है. हिना शहाब तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ीं लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हिना ने कभी भी राज्यसभा जाने की बात पार्टी के बड़े नेताओं से नहीं की क्योंकि जिस शहाबुद्दीन के द्वारा लोगों को टिकट बांटा जाता था उनकी पत्नी भला अपना टिकट कैसे मांगे. हालांकि समर्थकों ने इस बार राज्यसभा भेजने को लेकर जमकर हंगामा भी किया लेकिन आरजेडी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
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आज तक नहीं जीत पाईं एक भी चुनाव
शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ीं लेकिन हार का सामना करना पड़ा. वहीं 2014 और 2019 में भी हिना को हार मिली. हालांकि पहले सीवान में शहाबुद्दीन का ही सिक्का चलता था लेकिन बिहार में जब से नीतीश की सरकार आई उस वक्त से शहाबुद्दीन पर शिकंजा कसना शुरू हो गया. लोगों की निगाहें हिना शहाब पर टिकी रहती हैं कि जिस हिना शहाब के पति दो बार विधायक और चार बार सांसद रहे आखिर क्या कारण है कि वो एक बार भी लोकसभा नहीं पहुंच सकीं? हिना शहाब अपने पति शहाबुद्दीन के नाम पर राजनीति कर रही हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है.
चुनाव नहीं जीतने का क्या है कारण?
दरअसल, सीवान से हिना शहाब का चुनाव नहीं जीतना एक बड़ा फैक्टर है. 2009 में जब हिना चुनाव लड़ीं तो उस समय हिन्दू-मुस्लिम का कार्ड खेला गया. फिर 2014 में मोदी लहर ने हिना शहाब को पराजित कर दिया और फिर 2019 में भी हिंदुस्तान-पाकिस्तान की बात हुई जिसमें हिना को फिर हारना पड़ा. हालांकि शहाबुद्दीन या हिना शहाब शुरू से ही सेक्युलरिज्म की राजनीति ही करते रहे हैं.
हाल के दिनों में राजनीति संप्रदाय व जातिगत हो गई है जिसकी वजह से लगातार तीनों बार हिना शहाब हार गईं. इस बार पति के नाम पर हिना भी चाहती थीं कि राज्यसभा भेजा जाए लेकिन आरजेडी ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद हिना ने अब सीधा कह दिया है कि वो किसी पार्टी में नहीं हैं, बिल्कुल न्यूट्रल हैं.
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