Kosi River: कोसी की तेज धारा खतरे की घंटी कभी भी बजा सकती है. प्रशासन ने चेतावनी दी है. लगातार बढ़ते जल प्रवाह के कारण जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है. कोसी नदी की तेज धारा से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. शनिवार की सुबह 6 बजे के आंकड़ों के अनुसार, कोसी नदी का डिस्चार्ज 3,36,010 क्यूसेक तक पहुंच गया है. जिला प्रशासन की टीम ने संभावना जताई है कि डिस्चार्ज 6 लाख 81 हजार क्यूसेक तक जा सकता है, जो संभावित रूप से बाढ़ का गंभीर संकेत है.


लोगों को खतरे की दी गई जानकारी


शनिवार की सुबह तक कोसी बैराज से डिस्चार्ज का स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों ने क्षेत्र में रातभर तटबंधों पर निगरानी की. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. हाई अलर्ट की स्थिति में जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को सतर्क कर दिया है और तटबंधों पर कैंप लगाए गए हैं. पानी का स्तर लगातार बढ़ने की सूचना आसपास के गांवों और इलाकों में भी दी गई है, ताकि लोगों को संभावित बाढ़ से पहले सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सके.


स्थिति पर प्रशासन की टीम कर रही है निगरानी


कोसी के बढ़ते डिस्चार्ज पर जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम लगातार नजर बनाई हुई है. प्रशासन का कहना है कि वर्तमान समय में ईस्टर्न कोसी मेन कैनाल (E.K.M.C) और वेस्टर्न कोसी मेन कैनाल (W.K.M.C) में कोई डिस्चार्ज नहीं है, लेकिन मुख्य धारा में बढ़ता प्रवाह किसी भी समय खतरे की घंटी बजा सकती है.


जल संसाधन विभाग का अलर्ट


वहीं. जल संसाधन विभाग के जारी बुलेटिन में कहा गया है, 'नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं. जल संसाधन विभाग ने उफनती कोसी और गंडक नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. विभाग ने इन नदियों से सटे जिलों को सतर्क रहने को कहा है. जल संसाधन विभाग ने अपने अभियंताओं को सतर्क रहने और तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है.


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