Bihar New Governor: बिहार के नए गवर्नर बने हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ, फागू चौहान को भेजा गया मेघालय
Vishwanath Arlekar: रविवार को राष्ट्रपति भवन से प्रेस रिलीज जारी हुआ है. बिहार के साथ साथ झारखंड के भी राज्यपाल बदल दिए गए हैं. कुल मिलाकर 13 राज्यों को नए गवर्नर मिले हैं.
पटना: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान (Phagu Chouhan) को अब मेघालय का गवर्नर बनाया गया है. वहीं हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) को बिहार का नया गवर्नर बनाया गया है. नए राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर गोवा के विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं. रविवार को ही राष्ट्रपति भवन से नई प्रेस रिलीज जारी की गई है. वहीं बिहार के साथ साथ झारखंड के राज्यपाल भी बदल दिए गए हैं. रमेश बैस को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है तो वहीं सीपी राधा कृष्णन को झारखंड का नया गवर्नर बनाया गया है. कुल मिलाकर 13 राज्यों को नए गवर्नर मिले हैं.
विश्वनाथ आर्लेकर का राजनीतिक सफर
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बिहार के 41वें राज्यपाल होंगे. यह बीजेपी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. मूल रूप से आर्लेकर गोवा के रहने वाले हैं. सन् 1954 में उनका जन्म हुआ है. उनका राजनीतिक सफर काफी शानदार रहा है. साल 2002 से 2007 तक यह गोवा में बीजेपी के विधायक रहे हैं. वहीं 2012 से 2015 तक गोवा विधानसभा के स्पीकर थे. साल 2015-2017 वन पर्यावरण राज्य मंत्री भी रहे हैं. इसके बाद ही हिमाचल प्रदेश के गवर्नर बने थे. अब इनको बिहार में राज्यपाल का पद मिला है. उन्होंने एमईएस कॉलेज (वास्को डी गामा गोवा) से पढ़ाई की थी. राजेंद्र आर्लेकर बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे. साल 1989 में बीजेपी में शामिल हुए थे. गोवा विधान सभा को कागज मुक्त बनाने का श्रेय उन्हीं को जाता है. तब वह स्पीकर हुआ करते थे.
बिहार के 40वें गवर्नर रहे फागू चौहान
वहीं फागू चौहान का भी बिहार में कार्यकाल काफी लंबा रहा है. वह बिहार के 40 वें गवर्नर रहे हैं. साल 2019 से लेकर 2023 की फरवरी तक उन्होंने प्रदेश में गवर्नर का पद संभाला है. बिहार की राजनीति में जबरदस्त उठल पुथल के बाद भी वह पद पर बने रहे. नीतीश कुमार ने इस दौरान कई दफे गठबंधन बदले. फागू चौहान का जन्म आजमगढ़ के शेखपुरा में एक जनवरी 1948 में हुआ था. फागू चौहान का भी राजनीतिक सफर बढ़िया रहा है. साल 1985 में पहली बार वह दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने थे. लगातर छह बार वह यहां से विधायक पद पर बने रहे. यूपी में उनकी काफी लोकप्रियता है. विधायक बनने के बाद से ही उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ है.