Lalu Yadav Holi: बिहार में होली के त्योहार का अपना ही मजा है. बात जब होली की हो तो लालू यादव के कुर्ता फाड़ होली को भला कैसे भूला जा सकता है. हालांकि इस बार भी लालू यादव के यहां होली पर सन्नाटा रहेगा यह तय हो गया है. दस सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पर होली का रंग कुछ खास नहीं रहेगा. गुरुवार को ही राबड़ी देवी ने यह बात कह भी दी थी कि इस बार वो होली नहीं मनाएंगी. लालू यादव हैं नहीं और ऐसे में आरजेडी समर्थकों की भीड़ नहीं लगेगी.
दरअसल, लालू यादव रांची में हैं और रिम्स में इलाजरत हैं. डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें 60 लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है. होली से पहले कई बार उन्होंने रांची हाई कोर्ट में बेल के लिए याचिका भी लगाई थी. गुरुवार को विधानसभा के लिए पहुंचीं राबड़ी देवी ने मीडिया से कहा कि वो इस बार होली नहीं मनाएंगी क्योंकि लालू यादव जेल में हैं. उन्होंने प्रदेश के लोगों को होली की शुभकामनाएं दी, शांति और भाईचारे के साथ लोगों को होली मनाने के लिए कहा.
अनोखे अंदाज में लालू-राबड़ी आवास पर होती थी होली
होली का त्योहार पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. होली के दिन पूरे बिहार के लोगों की नजर कभी राबड़ी आवास पर टिकी रहती थी. क्योंकि राबड़ी आवास पर जब लालू यादव होते थे तो होली एक अनोखे अंदाज में मनाई जाती थी. लालू यादव इस पर्व को बड़े आनंदित होकर मनाते थे. लालू समर्थकों और प्रदेश के बड़े नेताओं की भीड़ राबड़ी आवास पर लगती थी, लेकिन इस बार रंग फीका पड़ गया है.
खुद लालू यादव गाते थे गीत
आपको बता दें कि लालू प्रसाद जमीन से जुड़े नेता हैं. उनके भाषण की बात करें या बोलने की, दोनों का अलग ही अंदाज होता था. उनका ठेठ गंवई अंदाज और पर्व त्योहार मनाने का तरीका भी कुछ अलग होता है. जब लालू प्रसाद यादव का परिवार बिहार की सत्ता का केंद्र हुआ करता था तब होली के मौके पर उनके घर ना सिर्फ राजनीति से जुड़े हुए लोगों का जमावड़ा लगता था, बल्कि होली के दिन समाज के हर तबके के लोग घर पहुंचते थे. रंग गुलाल खेला जाता था. ढोल मजीरे की थाप पर फगुआ गाया जाता था. लालू यादव भी गाते थे.
होली से पहले रेचल के साथ दिल्ली गए तेजस्वी
लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी अपनी पत्नी रेचल उर्फ राज श्री यादव के साथ बीते मंगलवार की शाम दिल्ली चले गए हैं. ऐसे में अगर बात करें तो अगर वो भी पटना में नहीं रहते हैं तो आरजेडी के बड़े नेता, समर्थक और कार्यकर्ताओं की भीड़ कम ही लगेगी. यह तय है कि इस बार भी सन्नाटा पसरा रहेगा और लालू के कुर्ता फाड़ होली की याद आती रहेगी. वहीं लोग सोशल मीडिया पर उनकी पुरानी तस्वीरें देखते रहेंगे.
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