गयाः बिहार में बढ़ते कोरोना आंकड़ों के बाद भी सरकार लाख दावे कर रही है कि राज्य में सबकुछ ठीक है लेकिन यहां की व्यवस्था ऐसी है कि सब भगवान भरोसे है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती एक मरीज ने फोन कर ऐसी जानकारी अपने परिजनों की दी जिसके बाद सरकार के दावे और व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.
25 अप्रैल को इस अस्पताल के कोविड वार्ड में झारखंड के हंटरगंज से कोरोना संक्रमित मरीज भूषण कुमार को भर्ती कराया गया था. मरीज ने अस्पताल के बाहर रहने वाले परिजनों को फोन कर अंदर का हाल बताया. उसने कहा कि उसे ऑक्सीजन तो लगा दिया गया है लेकिन खत्म होने पर उसे बदलने वाला कोई नहीं. वार्ड में ना डॉक्टर दिख रहे हैं और ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मचारी जिससे वह अपनी समस्या बताए.
परिजन परेशान लेकिन अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं
उसने कहा कि जब कुछ नहीं समझ आया तो वे परिजन को इसकी जानकारी दे रहा है कि शायद उनके परिजन किसी डॉक्टर को यह बताएं और उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके. इधर, परिजनों को कोविड वार्ड तक आने की पाबंदी है ऐसे में मरीज के साथ-साथ परिजन भी परेशान हैं और कोई इस मामले में सुनने को तैयार नहीं है.
दो दिनों तक रिपोर्ट का इंतजार करता रहा मरीज
वहीं मंगलवार को एमसीएच बिल्डिंग के नीचे बाहर में कूड़ा फेंकने के स्थान पर एक मरीज बैठा दिखा. पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम गणेश साव है. वह शेरघाटी के मझौली गंव से आया है. उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी. अस्पताल प्रशासन ने यह कहा कि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने के बाद भर्ती किया जाएगा. वह दो दिनों तक इसी कूड़े व नालियों के किनारे बैठा रहा. रिपोर्ट आने के बाद कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया. इस मामले में प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके अग्रवाल ने बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जांच में संक्रमित पाए जाने पर भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
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