Expressways in Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार (23 जुलाई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पेश किया. बजट में बिहार के लिए बहुत कुछ खास रहा. सबसे बड़ी बात है कि बजट में ऐलान के साथ ही राज्य में पहली बार तीन एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन आपको पता है कि बिहार में अभी कितने एक्सप्रेसवे हैं? इसके बन जाने के बाद क्या फायदे होंगे? एक्सप्रेसवे से क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? इस खबर के माध्यम से ऐसे सवालों के जवाब समझिए.


सबसे पहले यह जान लीजिए कि पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया से वैशाली के लिए एक्सप्रेसवे बनना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इस संबंध में घोषणा की. बिहार में सड़क परियोजनाओं के लिए कुल 26 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान हुआ है.


बिहार में कितने एक्सप्रेसवे?


मंगलवार को जैसे ही यह खबर आई कि पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया से वैशाली के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा तो बिहारवासी खुशी से झूम उठे. क्योंकि अभी तक बिहार में एक भी एक्सप्रेसवे का निर्माण नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने बिहार में एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर ध्यान नहीं दिया था लेकिन अब इसके लिए राहत वाली खबर आ गई है.


एक्सप्रेसवे के बारे में समझिए...


एक्सप्रेसवे को द्रुतगामी मार्ग भी कहा जाता है और भारतीय सड़क नेटवर्क में एक्सप्रेसवे सबसे उच्च वर्ग की सड़क होती है. यह 6 लेन या 8 लेन का होता है. एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने या राज्य के ही अंदर लंबे सफर के लिए तेज गति से जाने के लिए यह मार्ग सर्वोत्तम होता है. देश में सबसे पहले मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे बना था. यह छह लेन का है और 2002 में शुरू हुआ था.


एक्सप्रेसवे की सुविधा के बारे में जानें


एक्सप्रेसवे के कई फायदे हैं. इनमें प्रवेश और निकास छोटी सड़कों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है. एक्सप्रेसवे में सड़कें सीधी और सपाट होती हैं. एक्सप्रेसवे आधुनिक सुविधाओं से युक्त होते हैं, जिनमें एक्सेस रैंप, ग्रेड सेपरेशन, लेन डिवाइडर और एलिवेटेड सेक्शन जैसी आधुनिक सुविधाएं होती हैं. बिहार में अभी तक एक भी एक्सप्रेसवे का निर्माण नहीं किया गया है. हालांकि कुछ एक्सप्रेसवे बिहार से जरूर गुजरे हैं.


अब हाईवे और एक्सप्रेसवे में अंतर समझ लीजिए


हाईवे आमतौर पर शहरों के बीच से ही निकलते हैं. एक्सप्रेसवे पर चढ़ने-उतरने के लिए डेडिकेटेड पॉइंट होते हैं जबकि हाईवे पर कहीं से भी चढ़ा-उतरा जा सकता है. इन पर गाड़ियों की अधिकतम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है. एक्सप्रेसवे पर यह स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.


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