कभी DM के बॉडीगार्ड रहे सतीश पांडेय कैसे बने बाहुबली, पढ़ें- पुलिस जवान से कुख्यात बनने तक का सफर
कभी अंतरराज्यीय अपराधी गिरोह का सरगना और दो लाख रुपए के इनामी अपराधी रहे सतीश पांडे के खिलाफ तकरीबन 94 से 95 मामले दर्ज हैं. ये बात खुद गोपालगंज की पुलिस बताती है.
पटना: बिहार के गोपालगंज जिले के हथुआ थाना क्षेत्र के नयागांव तुलसिया गांव के रहने वाले सतीश पांडेय (Satish Pandey) कुचायकोट से जेडीयू विधायक अमरेंद्र पांडेय (JDU MLA Amrendra Pandey) उर्फ पप्पू पांडेय के बड़े भाई हैं. सतीश पांडेय पिछले दो दशक से अपराध की दुनिया में खूब सक्रिय हैं. शुरुआती दौर में इनकी बिहार पुलिस में भर्ती हुई थी, जिसके बाद कई सालों तक ये सीवान के जिलाधिकारी के अंगरक्षक रहे. बाद में सीवान के ही पूर्व सांसद स्वर्गीय जनार्दन तिवारी के भांजे और अपने परम मित्र अभय पांडेय की हत्या के बाद सतीश पांडेय ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और फिर आगे बढ़ते गए, जहां से उनका लौटना मुश्किल था.
दो दशक से अपराध की दुनिया में हैं सक्रिय
इन पर बिहार सरकार के मंत्री रहे बृजबिहारी प्रसाद के हत्याकांड के अलावा कई और नरसंहार व हत्याओं के मामले दर्ज हैं. सतीश पांडेय ने अपने वर्चस्व को गोपालगंज में स्थापित कर रखा है और अपने भाई अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय को विधायक बनाया है. पत्नी उर्मिला देवी और बेटे मुकेश पांडेय को जिला पर्षद अध्यक्ष की कुर्सी भी दिलाई है. जिले में चलने वाले टेंडरों में भी पांडेय भाइयों का सिक्का चलता है और लंबे समय से कोई इस परिवार के सामने खड़े होने की हिमाकत नहीं करता है.
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गोपालगंज के हथुआ थाना क्षेत्र के रूपनचक गांव में हुए ट्रिपल मर्डर में कुचायकोट के JDU विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय, उनके भतीजे जिला परिषद अध्यक्ष मुकेश पांडेय, भाई कुख्यात सतीश पांडेय और एक अज्ञात के खिलाफ हथुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. प्राथमिकी, जख्मी RJD नेता जेपी यादव के बयान पर दर्ज की गई है, जिसके परिवार के तीन लोगों की हत्या हुई. इस मामले में सतीश पांडेय का नाम फिर से सुर्खियों में आ गया.
शहाबुद्दीन से खूनी अदावत
कभी अंतरराज्यीय अपराधी गिरोह का सरगना और दो लाख रुपए के इनामी अपराधी रहे सतीश पांडेय के खिलाफ तकरीबन 94 से 95 मामले दर्ज हैं. ये बात खुद गोपालगंज की पुलिस बताती है. बिहार और उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए लम्बे समय तक वांछित रहे सतीश पांडेय ने वर्ष 1990 और 1995 में गोपालगंज के बरौली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्हें हार मिली. बचपन में पहलवानी का शौक रहने वाले सतीश पांडेय पहलवान के नाम से भी जाने जाते हैं.
सतीश पांडेय और बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन के बीच रेलवे रैक पर अपना दबदबा कायम करने और रंगदारी वसूलने को लेकर कई बार हिंसक झड़पें हुई हैं. इस वर्चस्व की लड़ाई में कइयों की जानें भी गईं. उस दौर में शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी क्योंकि उस दौरान बिहार में लालू यादव की सरकार थी और मोहम्मद शहाबुद्दीन को लालू और उनके रसूख का खुलकर सहयोग मिलता था. लेकिन जैसे-जैसे समय बदलता गया और 2005 में बिहार में तख्तापलट हुआ शहाबुद्दीन कमजोर होते गए और फिर कुख्यात सतीश पांडेय का रेलवे के रैक पर पूरी तरह से साम्राज्य स्थापित हो गया. 2018 में लखनऊ में गिरफ्तार पप्पू ने बताया कि माफिया सतीश पांडेय के पास छह एके-47 राइफल मौजूद हैं.
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