पटना: राजधानी में आज महानवमी को लेकर मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. नवरात्र में नवमी पर जगत जननी मां जगदंबे की पूजा की जाती है. पटना में सुबह से ही हल्की बारिश हो रही है हालांकि पूजा करने के लिए भक्तों की भीड़ दिखी. सभी पूजा पंडालों और मंदिरों में भक्त मां के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. महानवमी पर अगमकुआं स्थित माता शीतला मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी. तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई थी. देवी के दर्शन के लिए रात दो बजे से श्रद्धालु लाइन में लग गए थे.
इस बार भक्तों को मिला दर्शन का मौका
मंदिर परिसर में माता शीतला की प्रतिमा एवं नवदुर्गा का पिंड स्थापित है. नवरात्रि में प्राकृतक फूलों से माता का शृंगार किया जाता है. वहीं नवमी को मां का स्नान, शृंगार और महाभोग के बाद विशेष आरती होती है. आज के दिन श्रद्धालु पशु की बलि भी देते हैं. मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भरा हुआ है. श्रद्धालु माता को चुनरी सिंदूर, नारियल, फल चढ़ा रहे हैं. दूर दराज से लोग इस मंदिर में महानवमी के दिन आते हैं. यहां मनोकामना पूरी होती है. पिछले दो साल से कोरोना काल के कारण प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा था. सीमित संख्या में ही लोग अंदर जा रहे थे, लेकिन इस बार सभी को दर्शन का मौका मिल रहा है. भक्तों की तादाद काफी है.
वहीं माता के दर्शन करने आए भक्तों ने कहा कि हमलोग आज बहुत उत्साहित हैं. यहां सभी मनोकामना पूरी होती है. माता के दर्शन करने से हमें काफी खुशी होती है. घंटों से हम लोग मां की एक झलक पाने के लिए लाइन में लगे हैं. कई वर्षों से हम लोग यहां आ रहे. बता दें कि मुख्य द्वार का पूरब ही शीतला माता का मंदिर है. मंदिर के दरवाजे के पूरब एवं दक्षिण कोने पर शीतला माता की खड़ी मूर्ति है. शीतला माता के मूर्ति के दाहिने त्रिशूल तथा उसके दाहिने चंडी रूप में योगिनी विराजमान हैं. शीतला माता की मूर्ति के बाएं में अंगार माता की छोटी मूर्ति है.
फुहारों के बीच लोग लगा रहे आस्था की डुबकी
हल्की बारिश के बीच भी राजधानी में दुर्गा पूजा की उमंग अपने शीर्ष पर है. महानवमी पर भक्तों की पूजा पंडाल और मंदिरों में भारी भीड़ लगी है. वहीं महानवमी के दिन कन्या पूजन की जाती है. इस दिन नौ कन्याओं को विधि-विधान पूर्वक भोजन करना चाहिए. सभी प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाने से पहले कन्याओं की आरती और पैर धोने चाहिए. नवमी के दिन नवग्रह लकड़ियों के साथ सभी देवी के मंत्रों का जप करके हवन किया जाना चाहिए. इससे काफी पुण्य की प्राप्ती होती है.