RCP सिंह की कमी पूरा करेंगे मनीष वर्मा! JDU में एंट्री के पीछे क्या है CM नीतीश कुमार का मकसद? Inside Story
IAS Manish Kumar Verma: आरसीपी सिंह और मनीष कुमार वर्मा में काफी कुछ सामान्य है. दोनों नीतीश कुमार के गृह जिले से हैं. आरसीपी सिंह और मनीष कुमार वर्मा दोनों आईएएस अधिकारी रहे हैं.
Manish Kumar Verma News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौंकाने वाले फैसले लेने में माहिर हैं. उनका लिया गया निर्णय राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा देता है. अभी कुछ दिनों पहले ही नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडीयू का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. अब नीतीश कुमार ने एक और बड़ा फैसला ले लिया है. उनके परामर्शी और काफी करीबी माने जाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार आज (09 जुलाई) जेडीयू में शामिल होंगे. सवाल है कि क्या मनीष कुमार वर्मा की जेडीयू में एंट्री के पीछे कोई खास वजह है? चर्चाओं का बाजार गर्म है कि नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में भी ये पेश हो सकते हैं. पढ़िए इनसाइड स्टोरी.
पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं. ऐसी चर्चा है कि वह रिश्तेदार में भी लगते हैं. पुराने दिनों को याद करें तो मनीष वर्मा पर नीतीश कुमार मेहरबान रह चुके हैं, लेकिन उससे भी पहले जाएं तो एक और पूर्व आईएएस का नाम आता है जो नीतीश कुमार के बेहद करीब रह चुका है. पूर्व आईएएस अधिकारी रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आते हैं. एक समय में आरसीपी सिंह भी नीतीश के उत्तराधिकारी के रूप में दिख रहे थे. हालांकि आरसीपी सिंह जेडीयू से इस्तीफा देकर दूर हो गए. अब मनीष वर्मा की एंट्री हो रही है. क्या मनीष वर्मा अब आरसीपी सिंह की कमी को पूरा करेंगे? जेडीयू में मनीष वर्मा को लाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मकसद क्या है?
आरसीपी सिंह और मनीष कुमार वर्मा में काफी कुछ सामान्य है. दोनों नीतीश कुमार के गृह जिले से हैं. आरसीपी सिंह और मनीष कुमार वर्मा दोनों पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं. आरसीपी सिंह ने भी मनीष कुमार वर्मा की तरह वीआरएस लेकर नौकरी छोड़ दी थी. वह जेडीयू में शामिल हुए और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बन गए थे. हालांकि बाद में अलग होना पड़ा.
...तो ये है पूरा प्लान?
जेडीयू के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मनीष कुमार वर्मा को जेडीयू में लाने का मकसद है पार्टी के संगठन को मजबूत करना है. वह अपने स्तर से पूरी पार्टी के संगठन का कार्यभार देखेंगे और संगठन को मजबूत करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि अब जेडीयू का कार्यभार उनके हाथों में रहेगा. पार्टी के विस्तार के लिए कार्यकर्ताओं को वह दिशा-निर्देश देंगे.
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अभी कई महीने बाकी हैं, ऐसे में नीतीश कुमार मनीष कुमार वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी देकर बड़ी पहचान देना चाहते हैं. बता दें कि कभी आरसीपी सिंह को भी पार्टी के पूरे संगठन का कार्यभार दिया गया था. उस वक्त भी जेडीयू की कमान उनके हाथों में थी. अब नीतीश कुमार ने फिर से कुछ वैसा ही विश्वास मनीष कुमार वर्मा पर किया है. अगर मनीष वर्मा खरे उतरे तो पार्टी में उन्हें बड़ी जगह मिलने की संभावना है.
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