Bihar News: IAS संजीव हंस का होगा DNA टेस्ट! RJD के पूर्व विधायक भी जांच के घेरे में, पीड़िता बोली- मेरे पास हर सबूत
IAS Sanjeev Hans: पीड़ित महिला ने बुधवार को पटना में मीडिया के सामने अपना बयान दिया है. उसने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जानिए क्या है पूरा मामला.
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पटना: बिहार सरकार (Bihar Govermnent) के ऊर्जा सचिव और आईएएस संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) की मुश्किल बढ़ सकती है. एक महिला ने बिहार सरकार के अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया है. साथ में आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर भी आरोप लगाए हैं. बीते बुधवार की पीड़ित महिला ने मीडिया के सामने आकर अपना बयान रखा. इस मामले में उसने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
पीड़ित महिला ने बताया कि 2016 में पूर्व विधायक गुलाब यादव ने महिला आयोग का सदस्य बनाने के लिए प्रलोभन दिया था. इसके बाद गन पॉइंट पर उसने दुष्कर्म किया. एफआईआर करने गई तो उसने जान से मारने की धमकी दी और चुप रहने के लिए कहने लगा तो वह डर गई थी. इसके बाद 2017 में गुलाब यादव ने संजीव हंस जो अभी ऊर्जा विभाग के सचिव हैं उनको लेकर आया और कई होटलों में दोनों ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया था.
2018 में महिला ने दिए बच्चे को जन्म
महिला ने कहा कि 2018 में उसने एक बच्चे को जन्म दिया. इस पर गुलाब यादव ने कहा कि उसका बच्चा नहीं है. संजीव हंस भी किनारे हो गए. उसके बाद भी कई सालों तक ये लोग शोषण करते रहे. महिला ने कहा कि 2021 में उसने दानापुर की निचली अदालत में सुनवाई के लिए मामला दर्ज कराया. इसके बाद केस उठाने के लिए संजीव हंस ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. उस वक्त उन्होंने स्वीकार किया कि यह बच्चा उनका है. वह अपना लेंगे लेकिन आज तक बच्चे को नहीं अपनाया. पीड़ित महिला ने कहा कि उसके पास सबूत हैं. वह मीडिया के सामने नहीं दे सकती. जरूरत पड़ी तो कोर्ट में देगी. बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है जिसमें संजीव हंस ने खुद स्वीकार किया है कि यह बच्चा उनका है.
हाई कोर्ट ने आदेश में कहा है कि 14 जून 2022 को पीड़ित ने कोर्ट में गवाही दी है. वह केवल 20 सितंबर 2022 को कोर्ट नहीं आई थी. कोर्ट ने कहा था कि मामलों की जांच पुलिस द्वारा हो रही है इसलिए आरोपों को संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए नहीं भेजा जाएगा. पीड़िता ने दानापुर एसीजेएम के इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. पीड़ित महिला ने कहा है कि हाई कोर्ट ने संजीव हंस को डीएनए टेस्ट कराने का भी आदेश दिया है. पीड़ित महिला पेशे से वकील है और इलाहाबाद में वकालत करती है.
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