पटना: नए संसद भवन में आज से विशेष सत्र की शुरुआत होने जा रही है. सूत्रों के अनुसार संसद में आज मंगलवार (19 सितंबर) ही महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) पेश हो होने वाला है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) लोकसभा में पेश करेंगी. ऐसे में सवाल है कि संसद में बिल पास हो जाता है तो रिजर्वेशन मिलने के बाद लोकसभा में बिहार से और बिहार विधानसभा में कितनी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी? लोकसभा और विधानसभा सीट दोनों के बारे में जानिए.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. बिल पास हो जाने के बाद महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 13 हो जाएगी. वहीं बिहार विधानसभा की बात करें तो कुल सीटों की संख्या 243 है. इसमें महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 80 हो जाएगी.
देश के स्तर पर कुल सीटों का गणित समझें
लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं. बिल पास हो जाने के बाद महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 179 हो जाएगी. वहीं विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 4,123 है. आरक्षण के बाद महिलाओं के लिए सीटों की संख्या 1,361 हो जाएगी.
बताया जा रहा है कि महिला आरक्षण बिल रोटेशनल बेस पर होगा. 180 लोकसभा सीट पर डूएल मेंबरशिप होगी. इनमें से एक तिहाई सीट एससी-एसटी के लिए रिजर्व होगी. 2027 के बाद परिसीमन होने के बाद इतनी ही सीट्स को बढ़ा कर महिलाओं के लिए रिजर्व कर दिया जाएगा.
पहले भी पेश हो चुका है बिल
बता दें कि महिलाओं के लिए 33 फीसद सीटें आरक्षित करने का विधेयक सबसे पहले 1996 में एचडी देवगौड़ा सरकार में पेश किया गया था. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2008 में इस कानून को फिर से पेश किया. यह कानून 2010 में राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकिन यह लोकसभा में पारित नहीं हो सका और 2014 में इसके विघटन के बाद यह खत्म हो गया.
इधर महिला आरक्षण बिल पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा है कि कैबिनेट बैठक में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई है. महिला आरक्षण बिल को लेकर अगर सरकार की नीयत साफ है तो हम इसमें और स्पष्टता चाहते हैं.
यह भी पढ़ें- Bihar Politics: 'अरे अमित जी मैं आपका पैर धोकर…', गृह मंत्री को क्या बोले पप्पू यादव? शिक्षा मंत्री को भी दी नसीहत