पटना: बिहार में अब मेयर और डिप्टी मेयर की किस्मत का फैसला जनता करेगी. जनता वोटों से ही राज्य के सभी शहरी निकायों में साल 2022 में होने वाले मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के चुनाव होंगे. बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन का अध्यादेश लाकर राज्य सरकार ने इन चुनावों के लिए भी डायरेक्ट इलेक्शन का नियम लागू कर दिया है. नए अध्यादेश को बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 कहा जाएगा. इस बाबत राजभवन से स्वीकृति के बाद गुरुवार को सरकार ने इससे जुड़ा गजट भी जारी कर दिया. नए अध्यादेश के लागू होने की पुष्टि बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने की है. 


तारकिशोर प्रसाद ने कही ये बात


उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते हुए कहा, " बिहार नगर पालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 राज्यपाल के अनुमोद के बाद लागू हो गया है. अध्यादेश के लागू हो जाने से राज्य के शहरी निकायों में नगरीय विकास और शहरों के विस्तार और सौंदर्यीकरण के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. बिहार सरकार ने राज्य के शहरों के विकास के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं और संचालित योजनाओं के समुचित अनुश्रवण व पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रतिबद्ध प्रयास किए हैं. बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2022 सरकार द्वारा उठाए गए उन महत्वपूर्ण कदमों में से एक है."




 

अब जनता के हाथ होगी कमान

 

उन्होंने कहा कि शहरी निकाय के जनप्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं द्वारा चुने जाने से जनता के प्रति उनकी जवाबदेही सुनिश्चित होगी और शहरों के विकास के लिए चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजना और परियोजनाओं में गति आएगी. बता दें कि नए अध्यादेश के लागू होने से पहले तक नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर जबकि नगर परिषद और नगर पंचायतों में मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता था. लेकिन अब ये जनता के मतों से होगा. 

 

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