पटना: देश के वैसे नागरिक जो लाखों रुपये खर्च कर अपना इलाज नहीं करा सकते, उनके लिए नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) ने आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojna) की शुरुआत की है. योजना के तहत वैसे लोग जिनके पास आयुष्मान कार्ड है, वो रजिस्टर्ड अस्पताल में पांच लाख रुपये तक की मुफ्त इलाज करा सकते हैं. देश भर में इस योजना का लाभ लोग उठा रहे हैं. लोकसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) इसी संबंध में जानकारी दे रहे थे. हालांकि, जानकारी देते हुए उन्होंने बड़ा खुलासा किया.
बिहार में केवल 22 लोगों का इलाज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बताया कि केंद्र के आयुष्मान भारत योजना के तहत बिहार में केवल 22 लोगों का कोरोना के लिए इलाज किया गया. मंत्री द्वारा इस बात की जानकारी देने के बाद बिहार में बवाल मचना तय है. ऐसा इसलिए क्यूंकि कोरोना की पहली और खासकर दूसरी लहर के दौरान कई लोगों की मौत स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से हुई है.
विपक्ष की प्रतिक्रिया का इंतजार
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन, बेड समेत अन्य स्वास्थ्य संसाधनों की वजह से कई लोगों की असमय मौत हुई है. इस मुद्दे पर विपक्ष सूबे की नीतीश सरकार (Nitish Government) पर हमलावर है. स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health department) हमेशा ही विपक्ष के टारगेट पर रहता है. इसी बीच इस बात का सामने आना कि कोरोना के केवल 22 मरीज को ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला, विवाद का विषय है. अब देखना है कि विपक्ष की इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया आती है.
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