पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. शराब पीना, पिलाना, बेचना और रखना कानून के दायरे में आता है. हालांकि, कानून के होने के बावजूद कई लोग अवैध शराब के कारोबार में जुटे हुए हैं. इधर, बिहार पुलिस और उत्पाद विभाग शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटा हुआ है. पुलिस कार्रवाई का नतीजा ये है कि बिहार में इस साल जनवरी से अक्टूबर महीने ने बीच पुलिस ने 32 लाख लीटर से भी अधिक शराब जब्त की है. वहीं, 62 हज़ार से अधिक लोगों को पुलिस ने दबोचा है. 


कानून के तहत लगभग 50 हजार मामले दर्ज


बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि साल 2021 में जनवरी से अक्टूबर तक बिहार महानिषेध एवं उत्पाद (संशोधित) अधिनियम-2018 के अंतर्गत पूरे राज्य में विभिन्न जिलों द्वारा विशेष छापामारी अभियान चलाकर कुल 49,900 कांड दर्ज किए गए हैं. साथ ही कुल 12,93,229 लीटर देशी शराब औए 25,79,415 लीटर विदेशी शराब यानि लगभग 38,72,645 लीटर शराब बरामद और जप्त किया गया.


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वैशाली में सबसे अधिक शराब जब्त


इस अभियान के दौरान कुल 62,140 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई और 12,200 वाहनों को जब्त किया गया. गिरफ्तार कुल अभियुक्ता में से 1,590 राज्य के बाहर के व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. अवैध शराब की बरामदगी मामले में बिहार का वैशाली जिला पहले नंबर पर है. इसके बाद पटना, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद और मधुबनी क्रमशः हैं. वहीं, गिरफ्तारी के मामले में पटना, सारण, मोतिहारी, नवादा और मुजफ्फरपुर क्रमशः हैं.


बता दें कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 साल से अधिक उम्र के 15.5% पुरुष अभी भी बिहार में शराब का सेवन करते हैं. यही नहीं ड्राई स्टेट होने के बावजूद बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा लोग शराब पी रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 15.5 प्रतिशत पुरुष शराब का सेवन करते हैं, जबकि महाराष्ट्र में शराब प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन शराब पीने वाले पुरुषों की तादाद 13.9 प्रतिशत ही है.



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