बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी नीतीश कुमार के मुकाबले आगे चल रही है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नीतीश कुमार मुख्यमंत्री चेहरा हैं लेकिन वह 15 साल की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं.


 शुरुआती आंकड़ों में बीजेपी सबसे बड़े फायदे में दिखी, जबकि जेडीयू को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा है. बिहार में गठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी हमेशा बड़े साझेदार की भूमिका में रही है. हालांकि, बीजेपी ने राज्य में कभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपना चेहरा सामने नहीं किया है.


तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को ज्यादातर एग्जिट पोल ने बढ़त दिखाई थी, लेकिन एनडीए के सामने उसे कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा.


महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर दस लाख नौकरी देने का वादा किया था और पूरे चुनाव प्रचार के दौरान यह केन्द्र में रहा था. इसकी वजह से उनकी रैलियों में भारी भीड़ दिखी. लालू यादव के बिना इस चुनाव में तेजस्वी ने आरजेडी का बखूबी नेतृत्व किया.


बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद चुनाव प्रचार को बागडोर संभाल रखी थी. इसके अलावा, अन्य स्टार कैंपेनर्स थे- राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और अन्य नेता.


चुनाव के बीच में अपने पिता रामविलास पासवान को खो चुके चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर हमले करते रहे. बिहार में एनडीए गठबंधन से अलग होकर लड़ने के बावजूद चिराग केन्द्र सरकार का समर्थन कर रहे हैं.


जमुई से सांसद चिराग पासवान ने खुलेआम नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते हुए उनका हनुमान बताया था लेकिन वे लगातार नीतीश कुमार पर हमले करते रहे. दूसरी तरफ, बीजेपी ने चिराग पासवान से दूरी बनाते हुए इस बात पर जोर देती रही की राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी.


ये भी पढ़ें: Bihar Election Result LIVE: रूझानों में नीतीश और तेजस्वी का अंतर बढ़ा, महागठबंधन बहुत पीछे, जानिए ताजा आंकड़े