पटना: सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रामदेव महतो की याद में आयोजित वर्चुअल शिक्षक सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने हमेशा शिक्षकों को सम्मान दिया है. पिछले पांच साल में शिक्षकों के वेतन में करीब 60 की वृद्धि की गई है. आरजेडी-कांग्रेस के 15 साल के कार्यकाल में जहां मुश्किल से 10 हजार शिक्षकों की बहाली भी नहीं हुई थी, वहीं एनडीए के शासन में 3.5 लाख शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है.


आरजेडी कार्यकाल में मिलते थे मात्र 1500 रुपये


उन्होंने ने कहा कि आरजेडी के कार्यकाल में मात्र 1500 मासिक मानदेय पर शिक्षा मित्रों को बहाल करने वाले और एनडीए शासन में नियुक्त शिक्षकों की योग्यता को लेकर मजाक उड़ाने वाले आज उनके फर्जी पुरसाहाल बने हुए हैं.


सरकार पर आएगा 2,765 करोड़ का अतिरिक्त खर्च


सुशील मोदी ने कहा, " हकीकत है कि कोरोना काल के दौरान वित्तीय संकट के बावजूद राज्य सरकार ने शिक्षकों के वेतन और ईपीएफ में वादा अनुसार 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिससे शिक्षकों के मूल वेतन में न्यूनतम 2,200 से 4,000 रुपये का इजाफा होगा. वार्षिक व्यय आकलन के अनुसार शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर सलाना 1,950 करोड़ और ईपीएफ पर 815 करोड़ यानी 2,765 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करेगी.


शिक्षकों को मिलेंगी यह सुविधा


शिक्षकों को प्रोमोशन के अवसर, महिला और दिव्यांग शिक्षकों के अन्तर जिला और पुरुष शिक्षकों के परस्पर ट्रांसफर,180 दिन का मातृत्व और 15 दिन का पितृत्व अवकाश और तीन वर्ष की अवधि के लिए अध्ययन अवकाश के अलावा शिक्षकों के असामयिक निधन पर उनके आश्रितों को विद्यालय सहायक और परिचारी के पद पर नियोजन का प्रावधान भी किया गया हैं.