हाजीपुर: सभी देवताओं में भगवान शिव सबसे निराले हैं. जिस तरह महादेव निराले हैं, उसी तरह उन्हें चढ़ाया जाने वाला चढ़ावा भी निराला है. बिहार के वैशाली जिले के अंडवाड़ा गांव स्थित शिव मंदिर जो पूरे क्षेत्र में बटेश्वरनाथ से मशहूर है, वहां श्रद्धालु बैंगन का चढ़ावा चढ़ाते है. खासकर महाशिवरात्रि के अवसर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और महादेव पर जलाभिषेक करने के साथ ही बैगन चढ़ाते हैं.


बटेश्वनाथ मंदिर में बैगन का चढ़वा चढ़ाने के पीछे ऐसी मान्यता है कि मन में जो मनोकामना मानकर श्रद्धालु बैंगन चढ़ते हैं, भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. मनोकामना पूरी होने के बाद श्रद्धालु भगवान का शुक्रिया अदा करने आते हैं और शक्ति अनुसार भोलेनाथ पर 11, 21, 51 और 101 किलो बैंगन का भार चढ़ाते हैं.



स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के गर्भ गृह में वट का वृक्ष है, उसी वटवृक्ष से आपरूपी शिवलिंग उत्पन्न हुआ, जिसके बाद मंदिर का निर्माण कराया गया. तब से ये मंदिर में काफी मशहूर है. अपनी मनोकामना पूरी करने लिए लोग यहां आते हैं. वहीं, क्षेत्र के किसान भी सब्जी उपजने के बाद पहली सब्जी महादेव को ही चढ़ाते हैं. उनका मानना है कि महादेव को सब्जी पहले चढ़ाने से उनकी फसल अच्छी होगी और बाजार में उसका अच्छा दाम मिलेगा.


वहीं, एक मान्यता ये भी है कि क्षेत्र से पंचायत चुनाव में जो भी उम्मीदवार बैंगन छाप पर चुनाव लड़ता है, उसकी जीत सुनिश्चित होती है. ऐसे में जिस उम्मीदवार को चुनाव चिन्ह बैगन छाप मिलता है, वह मंदिर में बैंगन का चढ़ावा चढ़ता है. स्थानीय अनिल कुमार सिंह की मानें तो शिवरात्रि में हर साल लगभग 4 से 5 क्विंटल तक बैंगन का चढ़ावा चढ़ता है. मंदिर में जो भी श्रद्धालु आते हैं, वो प्रसाद के साथ एक बैंगन जरूर लाते हैं. ये प्रथा दशकों से चली आ रही है.