रोहतास: मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश की वजह से बाणसागर जलाशय का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने से सोन नदी में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है. दरअसल, बाणसागर का मानक जलस्तर 341.65 मीटर है, जबकि मौजूदा समय में वहां का जलस्तर 340.95 मीटर पहुंच गया है. सोमवार को बाणसागर जलाशय से 42 हजार 372 क्यूसेक पानी सोन में छोड़ने की सूचना मिली है. वहां से इस पानी को पहुंचने में पांच से छह दिन तक लगता है. ऐसे में अतिरिक्त पानी की वजह से सोन में बढ़ की संभावना बढ़ गई है.
इधर, मध्यप्रदेश के अलावा सोन के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र उतरप्रदेश, झारखण्ड और बिहार के डेहरी अनुमंडल के कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में दो तीन दिनों से लगातार वर्षा होने की वजह से इंद्रपुरी बराज पर सोन नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. मंगलवार को बराज पर 46,779 क्यूसेक जल प्रवाह दर्ज किया गया है, जिसमें नहरों में जलापूर्ति के बाद 36 हजार 82 क्यूसेक पानी सोन नदी में बहाया जा रहा है.
सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि राज्य की राजधानी पटना समेत बड़े क्षेत्र को प्रभावित करती है. बता दें कि सोन नदी के जलस्तर में सबसे ज्यादा वृद्धि मध्यप्रदेश स्थित बाणसागर और उत्तर प्रदेश के रिहंद जलाशय पर निर्भर होती है. रिहंद जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में भी इस मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. ऐसे में रिहन्द का जलस्तर अधिकतम से बस 4.2 फीट कम है. जलाशय का मानक जलस्तर 870 फीट है, जलस्तर 856 फीट पहुचने पर जलाशय के फाटक खोले जाते हैं. ऐसे में रिहन्द से आज भी 8,693 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
इन परिस्थितियों की वजह से बाढ़ का खतरा देखते हुए सोन तटीय प्रखंडों के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है. बाणसागर जलाशय के खतरे के निशान के करीब पहुंचने और पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद अनुमंडल प्रशासन ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर सभी बीडीओ को सोन तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का आदेश दिया है.
जलसंसाधन विभाग मुख्य अभियंता ओमप्रकाश सिंह के अनुसार विभाग की नजर बाणसागर जलाशय पर लगातार बनी हुई है. वहां से आज 42 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने की सूचना मिली है. इसकी सूचना जिला प्रशासन और मुख्यालय को भेज दी गई है. बाणसागर से पानी की मांग अभी तक नहीं की गई है. फिलहाल सोन नहरों में मांग के अनुसार पानी की आपूर्ति की जा रही है.