बक्सरः बीते बुधवार को प्रयागराज से बिहटा जाने के दौरान तकनीकी खराबी की वजह से राजपुर प्रखंड के मानिकपुर हाई स्कूल में चिनूक हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. शनिवार को विमान को ठीक कर लिया गया. सुबह 11:22 मिनट पर चिनूक ने उड़ान भरा. इसके उड़ते ही गांव के लोग ताली बजाने लगे और ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने लगे.
गौरतलब हो कि इस विशाल हेलीकॉप्टर का पहिया कीचड़ में फंस गया था. उसे निकालने के लिए तीन ट्रैक्टर की मदद ली गई लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ. इमरजेंसी लैंडिंग के दूसरे दिन गुरुवार को दूसरे हेलीकॉप्टर से एयर फोर्स के टेक्नीशियन पहुंचे. विद्यालय परिसर में ही जवानों के रुकने और खाने-पीने का इंतजाम किया गया था. इसके बाद शनिवार को जाकर दुरुस्त किया जा सका.
छोटी चिंगारी भी बड़े हादसे का बन सकता था कारण
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि विमान के इंजन में खराबी आई थी जिसकी वजह से पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए सुरक्षित जगह पर लैंडिंग करा दी. यदि ऐसा नहीं होता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था. बताया जा रहा है कि चिनूक विस्फोटक सामग्री से भरा था. ऐसे में छोटी सी चिंगारी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता था.
पुलवामा हमले के बाद 2019 में चिनूक हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. यह हेलीकॉप्टर से 10 टन वजन लेकर हवा में उड़ सकता है. इसकी खासियत यह है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी ऑपरेशन करने के लिए यह हेलीकॉप्टर कारगर है. इसमें एक साथ 50 से 55 लोग सवार हो सकते हैं और 20 हजार फीट तक ऊंचाइयों पर उड़ान भर सकता है. इसी चिनूक हेलीकॉप्टर ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी.
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