पटना: बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल (BJP MLA Haribhushan Thakur Bachaul) ने मांग की है कि बिहार को हिंदू राज्य घोषित किया जाए. हरिभूषण ठाकुर के इस बयान पर बिहार में बयानबाजी शुरू हो गई है. आरजेडी (RJD) और जेडीयू (JDU) ने इस पर शनिवार को प्रतिक्रिया दी. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल अपने अनाप-शनाप बयान के लिए जाने जाते हैं. आज तक तो बताए नहीं कि कैसे महिला कॉलेज से डिग्री हासिल कर लिए? वहीं, आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने कहा कि बीजेपी नेताओं को शिक्षा की कमी है. बीजेपी नेता शिक्षित नहीं हैं. हरिभूषण ठाकुर बचौल बिहार सरकार ने जो कराई उसको कास्ट सर्वे बोलते हैं. आप लोगों ने हमेशा जातीय गणना को रोकने की कोशिश की. 


जनता इन नेताओं को सबक सिखाएगी- अभिषेक झा


अभिषेक झा ने कहा कि बचौल या बीजेपी के अन्य नेता अपने बयान से यह साबित कर रहे हैं कि उनकी पार्टी की विचारधारा संविधान के हिसाब से नहीं है. संविधान में लिखा है कि देश हमारा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. मुस्लिम राज्य, मुस्लिम राष्ट्र, हिन्दू राज्य, हिंदू राष्ट्र की बात नहीं की जानी चाहिए. जनता इन नेताओं को सबक सिखाएगी. वहीं, ऋषि मिश्रा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जातीय गणना कराने की मांग को लेकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर पीएम मोदी से जब मिलने गए थे तो उसमें ना बिहार बीजेपी अध्यक्ष थे न आपके दोनों डिप्टी सीएम थे. बीजेपी नहीं चाहती कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी समाज के लोगों का विकास हो. 


'अब बीजेपी के अंदर विद्रोह होगा'


आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि 2015 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तो कहा था कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए. अब बीजेपी के अंदर विद्रोह होगा. लोग बोलेंगे सिंहासन खाली करो. बिहार को हिन्दू राज्य बनाने की मांग के बजाए आप लोग अपनी चिंता करिए. 'इंडिया' गठबंधन पूरे देश भर में जातीय गणना कराएगा एवं समाज के अंतिम वर्ग के लोगों को उनकी ताकत उनके हाथ में देंगे.


जातीय गणना की रिपोर्ट पर सियासत हुई तेज


बिहार सरकार जातीय गणना का आंकड़ा जारी कर खुद की पीठ थपथपा रही है. पिछड़ा-अति पिछड़ा-अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यकों का हितैषी होने का दावा कर रही है. 2024 चुनाव के मद्देनजर उनको साधने की कोशिश कर रही है. इसी बीच बीजेपी ने हिन्दू कार्ड का दांव चल दिया है. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मांग की है कि बिहार को हिंदू राज्य घोषित किया जाए क्योंकि जातीय गणना के आंकड़ों के अनुसार 82 फीसद बिहार में हिंदू हैं. बिहार के संसाधनों पर सबसे पहला हक हिंदुओं का है. सरकारी योजनाओं का सबसे अधिक लाभ हिंदुओं को दिया जाए. लालू-नीतीश पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित के नाम पर हिंदुओं को बांटने की कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें जातीय गणना के आंकड़ों के अनुसार बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01% है, पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.12 फीसदी, अनुसूचित जाति की आबादी 19.65%, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68%, सवर्ण वर्ग की आबादी 15.52% है.


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