Lok Sabha Elections: बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. सात चरणों में बिहार में वोटिंग होनी है. ऐसे में सीमांचल की कुल चार लोकसभा सीटों पर महागठबंधन की खास नजर है. पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज मुस्लिम बहुल इलाका है. चार जिलों को मिलाकर कुल 47 फीसद मुस्लिम आबादी है. पूर्णिया, कटिहार किशनगंज में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में वोटिंग होनी है जबकि अररिया में तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होनी है.


एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से जानकारी मिली है कि सीमांचल में किशनगंज सीट महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में जाएगी. मोहम्मद जावेद प्रत्याशी होंगे. अभी वही किशनगंज से सांसद हैं. कटिहार से आरजेडी खुद चुनाव लड़ना चाहती है और अशफाक करीम को प्रत्याशी बनाना चाहती है. उधर कांग्रेस कटिहार सीट पर दावा कर रही है और तारिक अनवर को यहां से चुनाव लड़ाना चाहती है. ऐसी चर्चा है कि कटिहार सीट कांग्रेस के लिए आरजेडी छोड़ सकती है.


पूर्णिया सीट पर पेंच फंसा हुआ था लेकिन अब साफ हो गया है कि यह सीट कांग्रेस को नहीं दी जाएगी. हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर आज शुक्रवार को औपचारिक एलान होना है. इसमें देखना होगा कि क्या कुछ बदलाव होते हैं. आरजेडी ने बीमा भारती को पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया है. सिंबल भी दे दिया गया. विधायक बीमा भारती जेडीयू से आरजेडी में आई हैं. कांग्रेस पप्पू यादव के लिए पूर्णिया सीट मांग रही थी. पप्पू यादव ने अपनी पार्टी (जन अधिकार पार्टी) का कांग्रेस में विलय किया है. फिलहाल इस सीट पर आरजेडी कोई समझौता करने के मूड में नहीं है.


उधर, जहां तक अररिया सीट की बात है तो आरजेडी इस सीट पर चुनाव लड़ सकती है. कांग्रेस इस सीट पर दावा नहीं की है. तस्लीमुद्दीन यहां से आरजेडी के सांसद लंबे समय तक रहे हैं. 2017 में उनके निधन के बाद जब यहां पर लोकसभा उपचुनाव हुआ था तो उनके बेटे सरफराज आलम को आरजेडी ने उम्मीदवार बनाया था और वह उपचुनाव जीते भी थे. इस बार आरजेडी सरफराज आलम या उनके छोटे भाई और आरजेडी विधायक शाहनवाज आलम को प्रत्याशी बना सकती है. दोनों में से किसी एक को मौका मिल सकता है.


क्या कहते हैं महागठबंधन के नेता?


आरजेडी के प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इंडिया गठबंधन के बारे में एनडीए के लोग चिंता न करें. लालू और तेजस्वी का मन बन चुका है. इस बार बिहार में लोकसभा चुनाव में एक-एक सीट पर एनडीए को हम लोग फाइट देंगे. जनता तैयार बैठी है. महागठबंधन एकजुट होकर लड़ेगा. केंद्र सरकार 10 साल से जुमलेबाजी कर रही है. जनता आईना दिखाएगी.


बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि सीमांचल ऐसा इलाका है जहां के बारे में झूठी कहानियां बनाकर बीजेपी और आरएसएस सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश करती है. कांग्रेस की रणनीति सीमांचल में हमेशा यही रही है कि मेरिट के ग्राउंड पर चुनाव हो. गुण के आधार पर जनता अपना वहां प्रतिनिधि चुने. किशनगंज में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद को हिंदू मुस्लिम दोनों का वोट मिलता है. कटिहार में कांग्रेस के तारिक अनवर को हिंदू मुस्लिम दोनों वोट करते हैं. सीमांचल में कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया में कांग्रेस की यही कोशिश रही है सांप्रदायिकता के आधार पर चुनाव ना हो.


बता दें सीमांचल में 2019 में महागठबंधन में पूर्णिया से पप्पू सिंह कांग्रेस से लड़े थे जबकि एनडीए से जेडीयू के संतोष कुशवाहा लड़े और जीते थे. कटिहार में महागठबंधन से कांग्रेस से तारिक अनवर लड़े थे और जेडीयू से दुलाल चंद्र गोस्वामी लड़े थे. जेडीयू की जीत हुई थी. अररिया से महागठबंधन में आरजेडी से सरफराज आलम और बीजेपी से प्रदीप सिंह लड़े थे. बीजेपी जीती थी. किशनगंज से महागठबंधन से कांग्रेस के मोहम्मद जावेद जीते थे. एनडीए से जेडीयू के उम्मीदवार महमूद अशरफ थे.


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