नालंदा: देश में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियां जोर शोर से लगी हैं. एनडीए से इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस) गठबंधन की लड़ाई है. विपक्ष की ओर से पीएम मोदी (PM Modi) के सामने कौन खड़ा होगा यह तय नहीं किया गया है. गुरुवार (21 सितंबर) को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल राजगीर पहुंचे माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने इससे जुड़े सवाल का जवाब दिया. वह एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.


सीताराम येचुरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के नेता मिलकर प्रधानमंत्री पद का फैसला लेंगे. राजगीर में आयोजित पार्टी के तीन दिवसीय शिविर के अंतिम दिन गुरुवार को पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने भाग लिया. इसी दौरान इंडिया गठबंधन की ओर से पीएम पद के चेहरे को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने अपनी बात कही.


'2004 में भी इसी तरह का उठा था सवाल'


माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने यह भी कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान इसी तरह विपक्ष में प्रधानमंत्री के चेहरे पर सवाल उठा था. बाद में विकल्प के रूप में मनमोहन सिंह आए और 10 वर्षों तक वे प्रधानमंत्री के पद पर रहे. इसी प्रकार आगे भी विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का विकल्प आएगा. उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों जो धर्मनिरपेक्ष ताकतें हैं वे एकजुट होकर बीजेपी को हराने का काम करेगी.


'वोटों के बंटवारे में बीजेपी को फायदा न हो'


अंत में माकपा के महासचिव ने यह भी कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र और संविधान को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को हराना है. उन्होंने वामपंथी एकता को मजबूत करने की बात कही. सीताराम येचुरी ने यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष पार्टी से तालमेल कर वोटों के बंटवारे में बीजेपी को फायदा न हो इसका ध्यान देने की जरूरत है. 


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