India Today Mood of The Nation: 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी (जेडीयू) बिहार में बीजेपी के साथ लड़ाई लड़ेगी. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और कितनी सीटें किसके खाते में जाएंगी अभी तय नहीं हुआ है लेकिन एक ताजा सर्वे में यह बात सामने आई है कि एनडीए अलायंस को पिछले साल की तुलना में इस बार झटका लग सकता है. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया टुडे सी-वोटर सर्वे (India Today C-Voter Survey) ने ताजा आंकड़ों को जारी किया है.


क्या कहता है लेटेस्ट सर्वे?


सर्वे के आंकड़ों को देखेंगे तो साफ पता चलता है कि इस बार एनडीए को सात सीटों का नुकसान हो सकता है. बिहार में विपक्षी गठबंधन और एनडीए का वोट परसेंट बढ़ा है लेकिन फायदा विपक्ष को मिलने का अनुमान है. इंडिया टुडे सी-वोटर के सर्वे में 2024 के लोकसभा के चुनाव में 32 सीटों के मिलने का अनुमान जताया गया है. यह आंकड़ा एनडीए नेताओं को हैरान कर सकता है.


सात सीटों का नुकसान कैसे?


बता दें कि 2019 में बीजेपी और जेडीयू ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी सभी 17 सीटों को जीत गई थी जबकि जेडीयू को एक सीट का नुकसान हुआ था. एलजेपी को छह सीट दी गई थी. छह सीटों पर जीत हुई थी. इस तरह पिछली बार एनडीए को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर जीत मिली थी. एक सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी. आरजेडी एक सीट भी नहीं जीत सकी थी.


बीजेपी और जेडीयू के खाते से कम हो सकती हैं सीटें


बता दें कि इस बार समीकरण थोड़ा अलग है. नीतीश कुमार ने फिर से एनडीए के साथ सरकार बना ली है लेकिन इस बार पार्टियां ज्यादा हैं. बीजेपी और जेडीयू को पिछली बार के मुकाबले इस बार सीट कम मिल सकती है. इस बार एनडीए में चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों अलग-अलग गुट हो चुके हैं. पिछली बार साथ थे. इन्हीं सीटों में से उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को भी देना है. ऐसे में तय ही कि बीजेपी और जेडीयू को सीटों से समझौता करना पड़ सकता है.


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