पटना: बिहार के चर्चित रूपेश हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. पटना के गांधी मैदान स्थित कार्यालय में बुधवार को पीसी कर पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा में बताया कि रोडरेज में इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या की गई थी. हत्या में कुल चार अपराधी शामिल हैं. फिलहाल पुलिस ने एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि तीन अपराधी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. अपराधी दो बाइक पर सवार होकर आए थे और रूपेश को छह गोली मारी थी.


बाइक चोर है अपराधी


एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी पटना का आदर्श नगर निवासी रितुराज है, जिसके पिता का नौबतपुर में ईंट भट्ठी है. रितुराज बाइक चोर है और महंगी बाइक की चोरी करता है. फिलहाल पुलिस ने रितुराज के पास से चार गोली, 13 जनवरी की चार अलग-अलग अखबार, हत्या को अंजाम देने के वक़्त पहना गया कपड़ा, झोला, चोरी की अपाचे बाइक बरामद की है.


एसएसपी ने बताया कि हत्या के नियत से आए अपराधी जब घटना को अंजाम देने आए थे, तो बाइक का नंबर कुछ और था. लेकिन जब वह घटना को अंजाम देकर भागे तो उनके बाइक का नंबर कुछ और था.


पुलिस हिरासत में आरोपी ने बताई ये बात


पुलिस हिरासत में रितुराज ने बताया कि नवंबर महीने के अंत में वो बाइक चोरी करने की नियत से अपने टारगेट एरिया में जा रहा था. इसी दौरान जब एलजेपी कार्यालय से उसने यू टर्न लिया तो सामने से एक गाड़ी तेज रफ्तार में आई. वह गाड़ी रूपेश की थी. आरोपी की मानें तो दोनों गाड़ी में टक्कर हो गई और इस हादसे में वो मरते-मरते बचा. वहीं, हादसे के बाद रूपेश ने उसे कार बाहर निकल कर फटकार लगाई थी और पुलिस के पास ले जाने की बात कही थी.


चूंकि, रितुराज चोरी की बाइक से जा रहा था, तो उस वक़्त उसने कुछ नहीं कहा लेकिन कार के उस जगह से निकलते ही उनसे कार का पीछा किया और गाड़ी का नंबर याद कर लिया. इसके बाद उसने कई दिनों तक गाड़ी की रेकी. उसे यह नहीं पता था कि रूपेश कौन है? उसे लगा था कि किसी बड़े बात का बेटा है. गाड़ी की रेकी के बाद उसने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर हत्या की प्लानिंग की.


चार बार मारने की कर चुका था कोशिश


हत्या वाले दिन वो अपने तीन दोस्तों के साथ मौके पर पहुंचा. वो चार बार पहले भी रूपेश को गोली मारने की कोशिश कर चुका था. ऐसे में 12 जनवरी के दिन जैसे रूपेश ने अपने अपार्टमेंट वाली गली में एंट्री ली, घात लगाए बैठे रितुराज और उसके साथ ने रूपेश की गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या के बाद वे पुनाई चक से आर ब्लॉक-दीघा रोड पर चले गए. फिर रूपसपुर का रूट पकड़ा. लेकिन वहां से कहां गए अंधेरा होने की वजह से इसका पता नहीं चला था.


पुलिस की मानें तो आरोपी एक सम्पन्न परिवार से आता है. उसे किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है. उसने बाहर रहकर पढ़ाई की है. दिल्ली में वो कॉल सेंटर में काम करता था. कुछ दिन उसने बैंक में भी काम किया है. पिछले दो-तीन सालों से वह बाइक चोरी की घटना को अंजाम देने में जुट गया था. उसे बाइक की अच्छी समझ भी है. हत्या के बाद जब उसे पता चला कि रूपेश कौन है तो वो रांची भाग गया था. लेकिन जैसे ही वो पटना लौटा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.


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