पटना: बिहार सरकार ने नवनियुक्त शिक्षकों (BPSC Teacher) को चेतावनी दी है कि अगर वे कोई ‘संघ’ बनाते हैं या इसका हिस्सा बनते हैं और शिक्षा विभाग की नीतियों के खिलाफ किसी प्रदर्शन में शामिल होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश के शिक्षा विभाग ने गत 11 नवंबर को जारी बयान में नवनियुक्त शिक्षकों को सख्त निर्देश दिया. विभाग ने अपने बयान में कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की भर्ती परीक्षा-2023 में सफल होने वाले लगभग 1.20 लाख शिक्षकों को गत दो नवंबर को ‘अनंतिम नियुक्ति पत्र’ प्राप्त हुए. 


बयान में कहा गया है कि उन्हें अब तक पोस्टिंग नहीं दी गई है और न ही उन्होंने स्कूलों में पढ़ाना शुरू किया है, लेकिन यह देखने में आया है कि उनमें से कुछ ने एक संघ बना लिया है या उसका हिस्सा बन गए हैं और शिक्षा विभाग की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं. यह बिहार सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1976 के तहत एक गंभीर कदाचार है.


शिक्षा विभाग शुरू कर सकता है अनुशासनात्मक कार्रवाई 


शिक्षा विभाग ने कहा कि उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से बचना चाहिए. विभाग सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेगा, जिसमें दोषी पाए जाने पर उनकी अस्थायी नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करना भी शामिल है. बयान में कहा गया है कि बीपीएससी के माध्यम से चयनित शिक्षक किसी भी प्रकार का संघ न बनाएं और न ही उसका हिस्सा बनें. इन स्कूल शिक्षकों का ध्यान बिहार विद्यालय शिक्षक नियमावली 2023 की आचार संहिता की धारा 17 के पैराग्राफ 7 की ओर आकर्षित किया गया है. इसके तहत बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 सभी स्कूल शिक्षकों पर लागू होती है. 


तत्काल प्रभाव से रद्द की जा सकती है- शिक्षा विभाग 


विभाग ने कहा कि अनंतिम रूप से नियुक्त शिक्षकों ने एक संघ का गठन किया है. इस संघ का गठन अवैध है. इस अवैध संघ ने अपने लेटरपैड भी छपवा लिए हैं. विभाग ने इस संघ के एक पदाधिकारी, जो एक नवनियुक्त शिक्षक हैं, से स्पष्टीकरण मांगा है. ऐसे शिक्षकों की अनंतिम नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द की जा सकती है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की प्रतिक्रिया जानने के लिए कई बार प्रयास किया गया, लेकिन उनकी टिप्पणी नहीं मिल सकी.


'हम शिक्षा विभाग के इस फैसले के समर्थन में हैं'


शिक्षा विभाग के बयान पर ‘टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ’ के संयोजक राजू सिंह ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम शिक्षा विभाग के इस फैसले के समर्थन में हैं. नवनियुक्त शिक्षक, जिनकी नियुक्ति अनंतिम है, वे ऐसा नहीं कर सकते. किसी अपंजीकृत संस्था का गठन करना या उसका हिस्सा बनना गैरकानूनी है' बता दें कि राज्य में शिक्षकों के 1.70 लाख पदों के लिए बीपीएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में 1.20 लाख उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए.


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