पटना: नालंदा और सासाराम (Nalanda and Sasaram Violence) में हुई हिंसा की घटना पूरे देश के सुर्खियों में है. इस घटना के बाद दोनों जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है. कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. सबसे ज्यादा लोगो को परेशानी इंटरनेट (Internet) बंद रहने से हो रही है. वहीं, इंटरनेट कब तक बंद रहेगा? इस पर नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर (DM Shashank Shubhankar) ने कहा कि छह तारीख तक इंटरनेट बंद है उसके बाद अगर स्थिति सामान्य रही तो इसे चालू किया जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि 11 से ज्यादा कंपनी जिले में है और बिहार पुलिस की भी कंपनी है. इसके साथ ही सासाराम में अभी शुक्रवार तक इंटरनेट बंद रहेगा.
इंटरनेट अब भी है बैन
हिंसा फैलाने के इरादे से अफवाहों को हवा देने वालों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने अगले आदेश तक के लिए इंटरनेट बैन कर रखा है. दरअसल, उपद्रवी तत्व हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे. लिहाजा, पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख जा रही है. इसके साथ ही पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि किसी भी तरह के अफवाह पर ध्यान न दें.
इंटरनेट सेवा बंद रहने से लोगों की बढ़ी परेशानी
सासाराम में इंटरनेट सेवा है. इससे यहां के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. सरकारी कामकाज भी ठप हो गया है. शहर के मॉल एवं रेस्टोरेंट में ऑनलाइन पेमेंट नहीं होने के कारण ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बैंकों का सर्वर डाउन है. विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास से भी नहीं जुड़ पा रहे हैं. इसके साथ ही परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रपत्र भरने में भी दिक्कतें हो रही हैं. वहीं, नदी किनारे युवाओं की भीड़ सोशल मीडिया चलाने के लिए जुट रही है.
शोभायात्रा के दौरान हुई थी हिंसक घटना
पिछले शुक्रवार को शोभायात्रा के दौरान नालंदा जिले के गगन दीवान मोहल्ले के पास कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा पथराव, आगजनी जैसी घटना को अंजाम दे दिया गया था, जिससे शहर का माहौल बिगड़ गया था, अभी भी बिहारशरीफ में धारा 144 लागू है, लेकिन जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के द्वारा जिले वासियों को राहत दी गई है, राहत यह है कि सुबह से दोपहर दो बजे तक सभी प्रकार की दुकान खुलेगी, दोपहर दो बजे के बाद जिले में सन्नाटा पसर जाता है और पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.
कई लोग हुए थे घायल
सासाराम में 30 मार्च को रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान कई लोग घायल हो गए थे. लिहाजा, हालात को सामान्य करने के लिए प्रशासन ने जिले में इंटरनेट सेवा को बैन कर दिया गया था, ताकि किसी तरह की अफवाह को हवा नहीं दी जा सके. इसके साथ ही किसी अनहोनी को टालने के लिए स्कूल और कॉलेजों को भी बंद कर दिया गया था.
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